जबलपुर में रजिस्ट्री देने के बदले पांच लाख मांगने वाले रजिस्ट्रार भदौरिया का भोपाल तबादला

मध्य प्रदेश के जबलपुर में रजिस्ट्रियों को बंधक बनाकर अवैध वसूली का खेल खेलने के आरोपी जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया को बचाने में नाकाम रहे विभाग के अफसरों ने आरोपी अधिकारी को जबलपुर से भोपाल ट्रांसफर कर दिया। 

Nov 19, 2024 - 13:51
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जबलपुर में रजिस्ट्री देने के बदले पांच लाख मांगने वाले रजिस्ट्रार भदौरिया का भोपाल तबादला
जबलपुर में रजिस्ट्री देने के बदले पांच लाख मांगने वाले रजिस्ट्रार भदौरिया का भोपाल तबादला
  • जबलपुर में रजिस्ट्री देने के बदले पांच लाख मांगने वाले रजिस्ट्रार भदौरिया का भोपाल तबादला
  • विभाग की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल, तीन दिन में होनी थी कार्रवाई, एक महीने से ज्यादा समय बीत गया

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में रजिस्ट्रियों को बंधक बनाकर अवैध वसूली का खेल खेलने के आरोपी जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया को बचाने में नाकाम रहे विभाग के अफसरों ने आरोपी अधिकारी को जबलपुर से भोपाल ट्रांसफर कर दिया। 

विभाग को कार्रवाई तय करने में एक महीने से ज्यादा का वक्त लग गया, जब आमतौर पर ये कार्रवाई दो से तीन दिन में ही हो जाती है। उपसचिव मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग वंदना शर्मा ने आदेश जारी किया कि वरिष्ठ जिला पंजीयक रत्नेश भदौरिया को तत्काल प्रभाव से उप-महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय भोपाल में पदस्थ किया गया है।

क्या है पूरा मामला-

जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया एवं स्टेनो जयनारायण मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने 17 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था लोकायुक्त न उसी समय कहा था कि ट्रेप या छापे के प्रकरण में नाम आने के 3 दिनों के अंदर आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाता है।

नर्मदा नगर ओल्ड पीपी कालोनी में रहने वाले अशोक शर्मा द्वारा लोकायुक्त को दी गई शिकायत में बताया गया था कि एक रजिस्ट्री के मामले में रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया और स्टेना जयनारायण मिश्रा ने रजिस्ट्री की कॉपी देने के बदले में 5 लाख रुपयों की रिश्वत की मांग की थी।

मामले के अनुसार, कठौंदा में खरीदी गई एक कृषि भूमि की रजिस्ट्री में कमियाँ निकालकर भदौरिया व स्टेनो द्वारा रकम माँगी गई थी। नर्मदा नगर ओल्ड पीपी कॉलोनी निवासी अशोक शर्मा ने लोकायुक्त से शिकायत की, कि उनके मित्र प्रभजीत सिंह बसूर ने कठौंदा में 64 हजार 2 सौ वर्गफीट कृषि भूमि क्रय की थी। इस जमीन की रजिस्ट्री 11 जुलाई 2024 को एनपीजी कंस्ट्रक्शन के नाम पर कराई गई थी। रजिस्ट्री में आवेदक अशोक शर्मा गवाह थे। ये रजिस्ट्री देने के एवज में भदौरिया पांच लाख रुपये मांग रहे थे।

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