रीवा: पत्नी की जगह पति कर रहा था काम, दोनों ने मिलकर की 55 लाख रुपए की हेरा-फेरी 

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बाणसागर परियोजना से जुड़ा एक गंभीर घोटाला उजागर हुआ है। यहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त महिला की जगह उसका पति तीन वर्षों तक कार्य करता रहा।

Apr 17, 2025 - 15:29
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रीवा: पत्नी की जगह पति कर रहा था काम, दोनों ने मिलकर की 55 लाख रुपए की हेरा-फेरी 
Rewa Husband was working in place of wife both together embezzled Rs 55 lakh

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बाणसागर परियोजना से जुड़ा एक गंभीर घोटाला उजागर हुआ है। यहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त महिला की जगह उसका पति तीन वर्षों तक कार्य करता रहा। इस अवधि में उसने कुल 55 लाख रुपये की हेराफेरी की। खास बात यह रही कि उसने 35 लाख रुपये एक मृत कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर कर दिए। मामले की जांच के बाद रीवा पुलिस ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। यह फर्जीवाड़ा करीब तीन साल तक बेरोकटोक चलता रहा।

बाणसागर परियोजना के तहत क्योंटी नहर संभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस परियोजना में दुर्गेश गुप्ता नाम की महिला को कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी मिली थी, लेकिन उसकी जगह लंबे समय से उसका पति संतोष गुप्ता कार्य कर रहा था। विभाग को इस अदला-बदली की जानकारी नहीं थी, और संतोष गुप्ता कई वर्षों से महिला की जगह पर नौकरी करता रहा।

मध्य प्रदेश के रीवा जिले की बाणसागर परियोजना में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें महिला कर्मचारी दुर्गेश गुप्ता की जगह उसका पति संतोष गुप्ता वर्षों तक कार्य करता रहा। वर्ष 2020 में परियोजना के एक कर्मचारी गिरीश कुमार मिश्रा के निधन के बाद, उनके नाम पर केवल 1.6 लाख रुपये की बकाया राशि थी, लेकिन संतोष गुप्ता ने धोखाधड़ी करते हुए 35.53 लाख रुपये मिश्रा के खाते में डलवाए और बाद में वह राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली। यह सब विभाग की नजरों से छिपा रहा।

जब यह मामला उच्च अधिकारियों की जानकारी में आया तो रीवा कलेक्टर ने जांच समिति गठित की। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, जिसके बाद समान थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने दुर्गेश और संतोष गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

CSP शिवाली चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि यह मामला परियोजना अधिकारियों की ओर से दी गई शिकायत पर दर्ज किया गया है। जांच में यह सामने आया कि वर्ष 2019-20 में 36.94 लाख रुपये और 2020-21 में 18.43 लाख रुपये की गबन की गई राशि शामिल है। इसके अलावा, संतोष गुप्ता ने कई फर्जी बिल तैयार कर उनके आधार पर भी रकम निकालकर विभाग को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

यह मामला सामने आने के बाद विभाग में खलबली मच गई है और यह जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल रहा है।