मऊगंज घटना की आपबीती बताई एसडीओपी अंकिता शूल्या ने
मध्य प्रदेश के मऊगंज में 15 मार्च 2025 को एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक एएसआई और एक युवक की हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलने पर एसडीओपी अंकिता शूल्या मृतकों को बचाने के लिए मौके पर पहुंचीं। आरोपियों ने उन पर भी हमला किया था और कमरे में बंद कर दिया था। साथ ही घर में आग लगाने की धमकी दी थी।

मध्य प्रदेश के मऊगंज में 15 मार्च 2025 को एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक एएसआई और एक युवक की हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलने पर एसडीओपी अंकिता शूल्या मृतकों को बचाने के लिए मौके पर पहुंचीं। आरोपियों ने उन पर भी हमला किया था और कमरे में बंद कर दिया था। साथ ही घर में आग लगाने की धमकी दी थी।
आरोपियों ने एसडीओपी अंकिता शूल्या को एक कमरे में बंद कर आग लगाने की धमकी दी। उनकी मांग थी कि पुलिस पकड़े गए आरोपियों को रिहा करे और एसडीओपी को उनके हवाले कर दे। हालांकि, अंकिता ने आरोपियों को छोड़ने से इनकार कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
मृतकों को बचाने पहुंची थीं अंकिता
एसडीओपी अंकिता शूल्या ने सनी को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह पहले ही मृत पाया गया। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे आदिवासी परिवार के लोग उग्र हो गए और हिंसा भड़क उठी। इस दौरान एसडीओपी और अन्य पुलिसकर्मियों पर पत्थर और लाठी-डंडों से हमला किया गया। एएसआई रामचरण गौतम की पत्थर लगने से मौत हो गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर अधिकारियों को सुरक्षित निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
अब तक 20 गिरफ्तार
इस मामले में 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस पत्रकारों, सरपंच और पूर्व सरपंच की भूमिका की भी जांच कर रही है, क्योंकि उनकी संलिप्तता संदिग्ध मानी जा रही है।
एसडीओपी से आरोपी को छोड़ने की मांग
एसडीओपी अंकिता शूल्या ने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और धमकी दी कि अगर पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को रिहा नहीं करती और एसडीओपी को उनके हवाले नहीं करती, तो वे कमरे में आग लगा देंगे। अंकिता को करीब एक घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। बाद में, पुलिस ने हवाई फायरिंग कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।