सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा, सिख विरोधी दंगों से जुड़ी सरस्वती विहार हिंसा मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाई सजा

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ी सरस्वती विहार हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

Feb 25, 2025 - 16:04
Feb 25, 2025 - 17:20
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सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा, सिख विरोधी दंगों से जुड़ी सरस्वती विहार हिंसा मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाई सजा
Sajjan Kumar sentenced to life imprisonment by Delhi's Rouse Avenue Court in Saraswati Vihar violence case related to anti-Sikh riots

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ी सरस्वती विहार हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सज्जन कुमार को दी गई दूसरी उम्रकैद की सजा है। इससे पहले, सज्जन कुमार दिल्ली कैंट मामले में भी उम्रकैद की सजा काट रहे थे। दिल्ली पुलिस और पीड़ितों ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी में रखते हुए सज्जन कुमार के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की थी।

1984 में सिखों का कत्लेआम-

पुलिस की दलील पुलिस ने अदालत में अपने लिखित तर्क में कहा कि यह मामला निर्भया केस से भी ज्यादा गंभीर है, क्योंकि निर्भया केस में एक महिला को निशाना बनाया गया था, जबकि 1984 में एक विशेष समुदाय के लोगों को टारगेट किया गया था। पुलिस के अनुसार, 1984 के सिख विरोधी दंगे मानवता के खिलाफ अपराध थे।

बाप-बेटे की हत्या-

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिख, जसवंत सिंह और उनके बेटे तरूणदीप सिंह को जिंदा जलाकर बेरहमी से मारा गया था। इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया।

एफआईआर दर्ज की गई थी-

सरस्वती विहार थाने में इस घटना से संबंधित एफआईआर उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में दर्ज की गई थी। यह शिकायत रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे पर आधारित थी।

1984 सिख विरोधी दंगे की पृष्ठभूमि-

1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। सिख बॉडीगार्ड द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या के कारण देशभर में 3500 से अधिक सिखों की हत्या की गई। इसके बाद, जांच के लिए नानावटी आयोग का गठन किया गया था।

1984 सिख दंगे की घटनाओं का क्रम

-31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या
-1 नवंबर 1984 को दिल्ली और अन्य राज्यों में दंगे भड़के
-मई 2000 में जीटी नानावटी कमीशन का गठन
-24 अक्टूबर 2005 में नानावटी कमीशन की सिफारिश पर सीबीआई ने केस दर्ज किया
-1 फरवरी 2010 को सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ समन जारी
-30 अप्रैल 2013 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार को बरी किया
-17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा दी