कर्ज में डूबा सैलरीड क्लास...क्रेडिट कार्ड से खर्च 2 लाख करोड़ के पार

भारत का नौकरीपेशा वर्ग पहले के मुकाबले और ज्यादा कर्ज में डूबता जा रहा है।

Nov 27, 2024 - 16:25
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कर्ज में डूबा सैलरीड क्लास...क्रेडिट कार्ड से खर्च 2 लाख करोड़ के पार
Salaried class is in debt...Credit card expenditure crosses Rs 2 lakh crore

एक सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 13.4 फीसदी नौकरीपेशा लोग ही कर्जमुक्त


भारत का नौकरीपेशा वर्ग पहले के मुकाबले और ज्यादा कर्ज में डूबता जा रहा है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में त्योहारों के कारण क्रेडिट कार्ड से खर्च 14.5 फीसदी बढ़कर पहली बार 2 लाख करोड़ रुपए के पार निकल गया। 

बैंक बाजार के एस्पिरेशन इंडेस के मुताबिक, भारत में नौकरी करने वाले ज्यादातर लोगों के ऊपर 25 लाख रुपए तक का कर्ज है। 25 लाख तक के लोन लेने वालों का आंकड़ा 91.2 फीसदी हो चुका है। पिछले साल तक यह आंकड़ा 88 फीसदी था। केवल 13.4 फीसदी नौकरीपेशा कर्जमुक्त हैं, जिनकी संया 2022 में 19 फीसदी थी। 

घर खरीदना पहली प्राथमिकता-

सर्वे के अनुसार, भारतीय वर्कफोर्स में घर खरीदना सबसे पहली प्राथमिकता है। इसके बाद सैलरीड लास स्वास्थ्य, रिश्तों, प्रसिद्धि व तरक्की पर पैसा खर्च करना चाहते हैं। युवाओं में अपना रोजगार करने की चाहत भी बढ़ी है। वो अपना स्टार्टअप करना चाहते हैं। इस मामले में महिलाएं आगे हैं। पूर्वी भारत में नौकरी करने वाले एजुकेशन लोन, दक्षिण भारत में कार लोन और उत्तर व पश्चिम भारत में होम लोन ज्यादा लेना चाहते हैं। सर्वे के अनुसार, लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे फाइनेंशियल प्रोडट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा नौकरी कर रहे लोग ही करते हैं। साथ ही ये ऑनलाइन खरीदारी भी करते हैं।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।