समाजवादियों का चरित्र दोहरा, फ्लोर लैंग्वेज मुद्दे पर बरसे सीएम योगी 

Feb 18, 2025 - 17:03
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समाजवादियों का चरित्र दोहरा, फ्लोर लैंग्वेज मुद्दे पर बरसे सीएम योगी 
Samajwadis have a double character, CM Yogi lashed out on floor language issue

सीएम योगी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्यों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदी में अपनी बात ठीक से नहीं रख सकते, उन्हें भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। सीएम योगी ने यह भी सवाल उठाया कि यह कैसी बात है कि लोग भोजपुरी में नहीं बोलते, लेकिन उर्दू का समर्थन करते हैं।उन्होंने कहा कि यह विचित्र बात है। आप समाजवादियों का चरित्र ही इतना दोहरा हो चुका है कि अपने बच्चों को भेजेंगे अंग्रेजी स्कूल में और दूसरे के बच्चों को कहेंगे कि वो गांव के ऐसे स्कूल में पढ़ें जहां संसाधन नहीं हैं। 

उर्दू की वकालत क्यों-

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "क्या आप बच्चों को उर्दू पढ़ाकर उन्हें मौलवी बनाना चाहते हैं?" वह फ्लोर लैंग्वेज के मुद्दे पर अपनी बात रख रहे थे और सपा नेता माता प्रसाद पांडे द्वारा उर्दू को लेकर की गई मांग का जवाब दे रहे थे। योगी ने यह भी कहा कि पहले आप लोग भोजपुरी और अवधी का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करते हुए कहा कि इन सभी बोलियों को सम्मान मिलना चाहिए और हमारी सरकार इनके संरक्षण के लिए भोजपुरी अकादमी का गठन कर रही है।

भाषा को लेकर क्यों उठा विवाद- 

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों की मेज पर लगे सिस्टम में भाषा की सेटिंग पर बवाल की शुरुआत हुई।  विधासभा अध्यक्ष ने बताया कि सभी भाषाओं में भाषण सुनने का विकल्प होगा। उन्होंने बताया कि फ्लोर लैंग्वेज का मतलब है कि जो सदस्य जिस भाषा में बोलेंगे, वह वैसी ही सुनाई देगी। यह विकल्प 0 चैनल पर रहेगा। अगर कोई 2 नंबर वाली भोजपुरी में बोलता है, तो उसकी आवाज़ 0 नंबर पर आएगी, और हिंदी 2 नंबर पर होगी। इसका मतलब यह है कि फ्लोर लैंग्वेज उस वक्त भोजपुरी हो जाएगी। इस तरह से, सदस्यों की भाषा और बोली के अनुसार फ्लोर लैंग्वेज बदलती रहेगी।

हिंदी को कमजोर कर रहे योगी-

सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि भोजपुरी और बुंदेलखंडी का प्रयोग सही है, लेकिन विधानसभा में अंग्रेजी को प्रयोग सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी को मुश्किल से हटाया गया था, और अब आप हिंदी को कमजोर कर रहे हैं। अगर आप अंग्रेजी को स्वीकार कर रहे हैं, तो उर्दू को क्यों नहीं स्वीकार करते? उर्दू भी एक भाषा है। आप उर्दू को नहीं अपनाएंगे, लेकिन अंग्रेजी को अपनाएंगे, यह समझ से परे है।

विभिन्न बोलियों का सदन में सम्मान-

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों जैसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को विधानसभा में सम्मान मिल रहा है। सरकार इन बोलियों के संरक्षण के लिए विभिन्न अकादमियां भी बना रही है। उन्होंने बताया कि ये सभी हिंदी की उप-भाषाएं हैं और भाषा की समृद्धि का आधार भी। हमें इनका स्वागत करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति हिंदी में धाराप्रवाह नहीं बोल सकता, तो उसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए। यह समझ से परे है कि भोजपुरी या अवधी में न बोलकर उर्दू को समर्थन दिया जाए।