सतना साइबर फ्रॉड कांड: खातों के खरीदार तक पहुंचाना लक्ष्य
साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों से ठगी गई राशि को म्यूल खातों की सहायता से मनी लॉन्ड्रिंग कर ठिकाने लगाने वाले गिरोह के मध्य प्रदेश के सतना से पकड़े गए आधा दर्जन लोगों सहित 12 आरोपियों को जबलपुर में न्यायालय में पेश किया गया।

- सभी आरोपियों को भेजा गया जेल,
- पूछताछ में बड़े खुलासे
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों से ठगी गई राशि को म्यूल खातों की सहायता से मनी लॉन्ड्रिंग कर ठिकाने लगाने वाले गिरोह के मध्य प्रदेश के सतना से पकड़े गए आधा दर्जन लोगों सहित 12 आरोपियों को जबलपुर में न्यायालय में पेश किया गया। सभी को कोर्ट ने जेल भेज दिया। अपराध क्रमांक 353/2024 धारा 318(4), 319(2), 336 (3),338, 61(2) एवं 66सी, 66डी आईटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में साक्ष्य एकत्रित किये गए।
ये हैं आरोपी-
सतना साइबर फ्रॉड कांड में आरोपी अजर हुसैन, शशांक अग्रवाल, अमित कुमार निगम, अनुराग कुशवाहा, स्नेहिल गर्ग, शागिल अख्तर, सुमित शिवानी, अमित कुशवाहा, संदीप चतुर्वेदी,, मेदनीपाल,नितिन कुशवाहा सभी निवासी नजीराबाद सतना, रितिक श्रीवास निवासी मोहन नगर मांडवा जबलपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन आरोपियों के साथ बैंक का स्टाफ भी मिला हुआ था,जो खातेदार के एटीएम और पासबुक इस गिरोह के हवाले कर देता था।
करोड़ों का बेनामी ट्रांजेक्शन
एटीएस की जांच में यह बात सामने आई थी कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों और उनके गिरोह के अन्य सदस्यों ने सैकडों बैंक खाते खुलवाए थे। इसमें करोड़ों रुपए का बेनामी ट्रांजक्शन हुआ। एक-एक खाते में एक करोड़ रुपए से ज्यादा के लेन देन दो से तीन महीने में हो रहे थे। प्राथमिक जांच में यह माना जा रहा है कि जालसाजी की इस चेन में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन मनी लांड्रिंग के जरिए किया गया है।
कई दूसरे राज्यों से मिले कनेक्शन
आरोपियों के दिल्ली, गुडगांव, रायपुर, हरियाणा, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश से भी कनेक्शन मिले हैं। आरोपी उक्त शहरों और जिलों में साइबर ठगों को एकाउंट बेचा करते थे। टीम यह भी पता लगा रही है कि वहां कौन इन आरोपियों से एकाउंट खरीदता था। आरोपियों द्वारा खोले जाने वाले बैंक एकाउंट्स में डिजीटल अरेस्ट, साइबर धोखाधड़ी समेत साइबर से जुड़े अन्य अपराधों समेत हवाला और कई बार ऑनलाइन सट्टे की रकम का ट्रांजेक्शन होता था। इसके साथ ही कई बार हवाला और क्रिकेट सट्टे समेत अन्य अवैधानिक लेनदेन भी किए जाते थे।