स्कूल प्रबंधन ने सबूत मिटाने पैरेन्ट्स से वापिस मंगाई किताबें!
स्कूलों के फीस फर्जीवाड़े और नकली किताबों के गोरखधंधे के उजागर होने के बाद स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार को छुट्टी के दिन स्टेमफील्ड स्कूल विजयनगर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने जांच में पाया कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के छात्रों को किताबें लेकर आने के लिए कहा।
जबलपुर के स्टेमफील्ड स्कूल पहुंची जिला प्रशासन की टीम, स्कूल प्रबंधन की पूछताछ
स्कूलों के फीस फर्जीवाड़े और नकली किताबों के गोरखधंधे के उजागर होने के बाद स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार को छुट्टी के दिन स्टेमफील्ड स्कूल विजयनगर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने जांच में पाया कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के छात्रों को किताबें लेकर आने के लिए कहा।
यह भी कहा गया कि बुक पर छात्र और अभिभावक के नाम के साथ कक्षा का जिक्र भी हो। पैरेन्ट्स ये किताबें जमा कराई जा रही हैं और इसके बदले में किताब कब मिलेगी और मिलेगी या नहीं, ये नहीं बताया या है। जांच टीम में एसडीएम, डीईओ एवं अन्य कर्मचारी शामिल रहे। दोपहर बाद पुलिस की टीम भी स्कूल पहुंची और प्रबंधन से पूछताछ की।
जबलपुर के विजयनगर इलाके में मौजूद स्टेमफील्ड स्कूल ने अभिभावकों से हिन्दी व्याकरण की सृजन हिन्दी व्याकरण तथा रचना की किताब लेकर आने को कहा गया। कई अभिभावकों ने इस बारे में पूछा तो टीचर्स ने जवाब दिया कि मैनेजमेंट की ओर से ऐसा करने के लिए कहा गया है। अभिभावकों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर किताबें जमा कराने की जरूरत क्या है।
इसलिए बुलाई किताबें-
किताबें जमा कराने के पीछे आशंका व्यक्त की जा रही है कि स्कूल प्रबंधन इन स्कूलों का आईएसबीएन नंबर चैक करना चाहता है और यदि फर्जीवाड़ा निकलता है तो किताबों को नष्ट कर वैध किताबें पैरेन्ट्स को दे दी जाएंगी। हालाकि, कानूनी तौर पर इस प्रक्रिया को सबूत मिटाने की संज्ञा दी जाती है। ऐसे समय से जब किताबों को लेकर जांच-पड़ताल चल रही है,तब अभिभावकों से किताबें जमा करना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। समाचार लिखे जाने तक स्कूल में टीम की कार्रवाई जारी है।
जांच दल ने लिए अभिभावकों के बयान-
जांच दल ने मौके पर मौजूद अभिभावकों के बयान दर्ज किए हैं, अभिभावकों ने कहा कि जब स्कूल की ओर से मैसेज आया तो उन्हें भी आश्चर्य हुआ था,लेकिन फिर भी वे किताब लेकर स्कूल आ गये। जांच दल ने किताबें भी जब्त की हैं,क्योंकि अब इन किताबों के आईएसबीएन नंबर की जांच होगी।