नीट पर व्यापमं जैसे संगीन आरोप, एमपी हाईकोर्ट से जांच की गुहार
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट परीक्षा के परिणामों को एमपी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई है। याचिका में नीट पर भी वैसे ही आरोप लगाए गए हैं, जैसे व्यापमं की परीक्षाओं पर लगाए गए थे।
जबलपुर की छात्रा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग, याचिका में उठाए गए सवाल: एक ही सेंटर के स्टूडेंट्स कैसे आये टॉप पर,करोड़ों के लेनदेन की आशंका जताई
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट परीक्षा के परिणामों को एमपी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई है। याचिका में नीट पर भी वैसे ही आरोप लगाए गए हैं, जैसे व्यापमं की परीक्षाओं पर लगाए गए थे। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका पर सम्भवत:सोमवार को सुनवाई हो सकती है। याचिका में नीट जैसे प्रतिष्ठित टेस्ट में करोड़ों के लेन देन के आरोप भी लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने भी दिया है टेस्ट-
जबलपुर की रहने वाली छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट परीक्षा को लेकर कई गड़बड़ियों का हाल ही में खुलासा हुआ है। इसी को लेकर याचिका दायर की गई है। याचिका में नीट परीक्षा 2024 में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। छात्रा के अनुसार,उसने भी नीट 2024 की यूजी परीक्षा दी थी और उसे 720 में से 615 अंक हासिल हुए, जबकि उसे 700 से भी ज्यादा नंबर मिलने की उम्मीद थी।
चौंकाने वाला नम्बरों का खेल-
याचिका में हवाला दिया गया है कि एक सेंटर के आठ छात्रों के नाम व रोल नंबर एक समान दिए गए हैं। इन सभी छात्रों को परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक मिले हैं । इसके अलावा याचिका में एक ही सेंटर के 6 छात्रों को शत-प्रतिशत अंक और दो को 718 और 719 अंक प्राप्त होने पर भी सवाल उठाए गए हैं। याचिकाकर्ता छात्रा अमीषी वर्मा के अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि मध्य प्रदेश में अब तक व्यापमं घोटाला ही हुआ था, लेकिन 2024 नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी व्यापमं से कई गुना बड़ी और गम्भीर हैं। आरोपित है कि इस परीक्षा के परिणाम जारी करने में करोड़ों रुपयों का लेनदेन हुआ है।
किस आधार पर लगाए आरोप-
याचिका के मुताबिक,अब तक के इतिहास में नीट के टॉपर तीन छात्रों को ही 720 अंक मिले हैं, लेकिन 2024 की परीक्षा में 67 ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने 720 में से 720 नंबर हासिल किए हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस टेस्ट में माइनस मार्किंग का नियम भी है,जिसमें एक गलत उत्तर देने पर चार नंबर काटे जाते हैं, फिर भी परीक्षा में छात्रों को 717, 718 और 719 नम्बर तक दिए गए हैं जिससे भारी गड़बड़ी की आशंका पैदा हो रही है। याचिकाकर्ता ने सन्देह व्यक्त किया है कि परीक्षा में गड़बड़ी की साजिश रची गई थी। परीक्षा के पहले ही छात्रों को पेपर दे दिए गए थे और केंद्र भी तय कर दिये गए थे। हरियाणा के छात्रों के गुजरात में जाकर परीक्षा देने और गुड़गांव के छात्रों को झज्जर के परीक्षा केंद्र में शामिल होने का भी याचिका में जिक्र किया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर इस याचिका नेशनल मेडिकल काउंसिल, मध्य प्रदेश सरकार और नीट की परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को पार्टी बनाया गया है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही फिर से टेस्ट लेने और एडमिशन पर स्टे लगाने की प्रार्थना की गई है।