मध्यप्रदेश में कांग्रेस को झटका, अक्षय कांति बम ने वापिस लिया नामांकन, भाजपा में शामिल

मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके साथ ही अक्षय कांति कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं

Apr 29, 2024 - 15:08
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मध्यप्रदेश में कांग्रेस को झटका, अक्षय कांति बम ने वापिस लिया नामांकन, भाजपा में शामिल
Shock to Congress in Madhya Pradesh, Akshay Kanti Bam withdraws nomination, joins BJP

सूरत के बाद इंदौर में भी बीजेपी ने खेला दांव

मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके साथ ही अक्षय कांति कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं, एक्स पर मध्य प्रदेश के मंत्री और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक पोस्ट सजा कर अक्षय कांति बम के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी। कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट करते हुए लिखा इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम का बीजेपी में स्वागत है।
जानकारी के मुताबिक वह कुछ ही देर में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस ने बीजेपी का मजबूत गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था। इंदौर सीट पर बम की मुख्य चुनावी भिड़ंत बीजेपी के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) से होनी थी। लालवानी, इंदौर नगर निगम के सभापति और इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

जानिए कौन है अक्षय कांति बम-

बम पेशे से एक कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है। वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं। बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था।

इंदौर:प्रदेश का सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र-

मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है। यहां से बीजेपी ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी। 

सूरत में भी ऐसा ही हुआ था-

इससे पहले सूरत सीट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था, जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिल गई थी। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था। वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र बीजेपी के इशारे पर खारिज किया गया था।  निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा था कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा था कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं। आदेश में कहा गया था कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं।