सीता नवमी आज...जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है। इसे सीता नवमीं या जानकी नवमीं के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को माता सीता के धरती पर अवतरण की तिथि माना जाता है। इस साल सीता नवमी या जानकी नवमी मई माह की 16 तारीख गुरुवार को मनाई जा रही है। 

May 16, 2024 - 15:34
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सीता नवमी आज...जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Sita Navami today...know the puja method and auspicious time

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है। इसे सीता नवमीं या जानकी नवमीं के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को माता सीता के धरती पर अवतरण की तिथि माना जाता है। इस साल सीता नवमी या जानकी नवमी मई माह की 16 तारीख गुरुवार को मनाई जा रही है। 
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई, गुरुवार को सुबह 6 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 17 मई, शुक्रवार को 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगीष उदयातिथि के अनुसार, 16 मई को सीता नवमी या जानकी नवमी मनाई जाएगी। इस दिन भक्त व्रत रखकर माता सीता की विधि-विधान से पूजा करेंगे। सीता नवमी की पूजा के लिए 16 मई को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। भक्त इस मुहूर्त में माता सीता की पूजा कर सकते हैं।

सीता नवमी की पूजा विधि-

सीता नवमी को विधि-विधान से माता सीता की पूजा से भक्तों पर माता सीता की असीम कृपा होती है. सीता नवमी की पूजा के लिए व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर तन मन से पवित्र होकर व्रत का संकल्प करना चाहिए। पूजा की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर माता सीता का भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ चित्र स्थापित करें। राम दरबार के चित्र को गंगा जल से अभिषेक कराएं और कुमकुम रोली व अक्षत से तिलक करें। सभी देवी देवताओं को पीले फूलों की माला चढ़ाएं और देसी घी से दीये जलाएं. फल फूल, रोली अक्षत चढ़ाएं और मखाने की खीर से भोग लगाएं। सीता नवमी के दिन रामायण पाठ बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भजन कीर्तन का आयोजन करें और राम मंदिर जाकर प्रभु श्रीराम और माता जानकी के दर्शन करें। सीता नवमी को राम नवमी की तरह ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से प्रभु श्रीराम और माता सीता की पूजा करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और महादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।