स्मार्ट मीटर: नियम पालन में फिसड्डी निकली कंपनियां, गंवाए 250 करोड़
प्रदेश की बिजली कम्पनियों की लापरवाही के कारण स्मार्ट मीटरीकरण के लिए केन्द्र सरकार से मिलने वाली 7.5 फीसदी प्रोत्साहन राशि करीब 250 करोड़ रुपये इस वर्ष नहीं मिल सके, क्योंकि प्रदेश में स्मार्ट मीटरीकरण न तो समयानुसार, न ही नियमानुसार हुआ है।
बिजली कम्पनियों की लापरवाही जनता पर पड़ेगी भारी, बढ़ेंगे बिजली के दाम
प्रदेश की बिजली कम्पनियों की लापरवाही के कारण स्मार्ट मीटरीकरण के लिए केन्द्र सरकार से मिलने वाली 7.5 फीसदी प्रोत्साहन राशि करीब 250 करोड़ रुपये इस वर्ष नहीं मिल सके, क्योंकि प्रदेश में स्मार्ट मीटरीकरण न तो समयानुसार, न ही नियमानुसार हुआ है। इस प्रकार बिजली कंपनियों को 250 करोड़ का घाटा हुआ है। इससे स्मार्ट मीटरीकरण के कुल खर्च में कमी नहीं आई। इसका दुष्परिणाम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।
-क्यों मिली ये नाकामी
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बताया कि बिजली कंपनियों ने स्मार्ट मीटरीकरण की निर्धारित अंतिम तारीख दिसम्बर 2023 तक कार्य नहीं होने की असफलता स्वीकारते हुए मप्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष दो याचिकाएँ नंबर 2/2024 तथा नंबर 39/2024 दायर कर समय बढ़ाने की प्रार्थना की थी। आयोग ने नये कनेक्शन में स्मार्ट मीटर हेतु मार्च 2025 तक तथा वर्तमान एवं खराब मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर के लिए 31 दिसम्बर 2024 तक समय देने का आदेश जारी किया है।
-बिजली रेट बढ़ना तय
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागरिक संघ, सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजी. संघ, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, महिला समिति, पेंशनर समाज आदि ने विरोध दर्ज कराया है। संगठनों के अनुसार, इस वर्ष लगभग 3000 करोड़ खर्च होने से स्मार्ट मीटरीकरण से बिजली रेट बढ़ेंगे।