खजुराहो में एक बार फिर से देखने को मिलेगा साउंड एंड लाइट शो
खजुराहो एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां पर लोगों को धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक इन सभी का समावेश मिलता है।

खजुराहो में एक बार फिर से देखने को मिलेगा साउंड एंड लाइट शो
सैलानियों की पहली पसंद में शामिल खजुराहो अपने आप में खास है। यहां की खूबसूरत इमारतें हर किसी को अपनी खूबसूरती से रिझाती हैं। यहां पर हर रोज हजारों सैलानी पहुंचते हैं। इनमें सिर्फ देश के ही लोग शामिल नहीं होते, बल्कि विदेशी भी बड़ी संख्या में होते हैं। खजुराहो एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां पर लोगों को धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक इन सभी का समावेश मिलता है। यहां का मुख्य आकर्षण है साउंड एंड लाइट शो जिसे देखने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता है, किन्हीं कारणों के कारण यह शो पिछले 18 माह से बंद था।
नए साल में एक बार फिर से मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा इसे शुरू कर दिया गया है। इस बार शो का टाइम कम किया गया है और इसका किराया बढ़ा दिया गया है। पहले शो 50 मिनट का होता था। अब इसे घटाकर 35 मिनट कर दिया गया है। नए वर्जन में आधुनिक तकनीक थ्री डी प्रोजेक्शन मैपिंग का इस्तेमाल किया गया है।
इस तरह हुए हैं बदलाव
अंग्रेजी भाषा का शो शाम 6.30 बजे से शुरू होकर 7.05 बजे समाप्त होगा। हिन्दी भाषा का शो 7.25 से शुरू होकर रात 8 बजे समाप्त होगा। टिकिट दरों में भी बढ़ोत्तरी की गई है। भारतीय दर्शकों के लिए टिकिट 250 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए तक दी गई है और पांच वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक के आयु के बच्चों के लिए 150 रुपए टिकिट तय की गई है। विदेशी दर्शकों के लिए यह टिकिट पहले 750 रुपए थे, जो अब 800 रुपए कर दी गई है। बच्चों का टिकिट 400 रुपए तय की गई है।
यह है विलंब का कारण
शो के बंद होने की वजह अभिनेता अमिताभ बच्चन की व्यस्तता बताई जा रही है। दरअसल यह साउंड और लाइट शो में खजुराहो के मंदिरों का इतिहास बताया जाता है। जिसे बेहद ही खूबसूरती के साथ सैलानियों के समक्ष पेश किया जाता है। इसमें संपूर्ण धरोहरों के आकर्षक लाइट के साथ और अमिताभ बच्चन की आवाज के साथ प्रस्तुत किया जाता है। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा इस शो को अपग्रेड करने और तकनीकी रूप से और बेहतर स्वरूप देने के उद्देश्य से इसे 23 अगस्त 2023 में बंद किया गया था। नए प्रोजेक्शन और नई मशीनों के साथ इसे दोबारा शुरू किया गया है, लेकिन इसे शुरू होने में हुई देरी का कारण है अमिताभ बच्चन से समय न मिल पाना। जिसके कारण उनकी पुरानी आवाज की ही डॉक्यूमेंट्री साउंड को नए प्रोजेक्ट में रिकॉर्ड किया गया है।