कल से शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान - निगमायुक्त प्रीति यादव
मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार कल 30 मार्च से शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में निगमायुक्त प्रीति यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों को सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है।

सभी संबंधित अधिकारियों को निगमायुक्त द्वारा अभियान को सफल बनाने जारी किए गए निर्देश
जल स्त्रोतों का संरक्षण करना हम सबका दायित्व है - निगमायुक्त प्रीति यादव
मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार कल 30 मार्च से शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में निगमायुक्त प्रीति यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों को सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है।इन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा जल स्त्रोंतों नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ी व अन्य जल स्त्रोंतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए 30 मार्च से 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जाना है। इसके लिए संबंधित सभी अधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए निर्देश जारी किये हैं।
उन्होंने निर्देशों में कहा है कि उक्त अभियान के अंतर्गत 30 मार्च 2025 को अन्य जिलों में नदी अथवा जल स्त्रोतों के समीप कार्यक्रम का आयोजन कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। अभियान के व्यापक आगाज के लिए 30 मार्च को नगरीय निकाय में जनसमुदाय की उपस्थिति में जल संरक्षण व संवर्धन के कार्य का क्रियान्वयन किया जाएगा। जल गंगा संवर्धन अभियान का क्रियान्वयन प्रभारी मंत्री के नेतृत्व में किया जाए। गंगा दशहरा 05 जून 2025 को लोक प्रसिद्ध कलाकार की सांगीतिक प्रस्तुति, 30 जून 2025 को जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन किया जाए।
अमृत 2.0 योजना अंतर्गत प्रचलित जल संरचनाओं के उन्नयन का कार्य, विक्रमोत्सव, अमृत 2.0 योजना अंतर्गत नगरीय निकाय में चयनित जल संरचनाओं के अतिरिक्त यदि कोई नदी, झील, तालाब, कुआं, बावड़ी इत्यादि उपलब्ध है जिसके पुर्नजीवीकरण, संरक्षण की आवश्यकता है, तो इन संरचनाओं का उन्नयन कार्य स्थानीय, सामाजिक, अशासकीय संस्थाओं एवं जनभागीदारी के माध्यम से कराया जाना, जल संरचनाओं के चयन के साथ-साथ उनके जीर्णोद्धार तथा नवीनीकरण के परिणाम संयोजित आउटकम लिंक उद्देश्य जैसे- जल प्रदाय, पर्यटन, भूजल संरक्षण, मत्स्य पालन, सिंघाडे का उत्पादन इत्यादि हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
जलीय जैव विविधता बढ़ाने हेतु जल संरचनाओं के जल की गुणवत्ता, नगरीय निकायों में जल संरक्षण संरचनाओं को संवर्धन कार्य, एक्यूफायर मैनेजमेंट प्लान तैयार करना, रैनवाटर हार्वेटिंग प्रणाली तैयार करना, घरों और सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग किये जा रहे पानी के अपव्यय को रोकने के लिए आवश्यक उपयोग जैसे- पाईप लाईनों तथा नलों के लीकेज को सुधारना, टूटे हुए नलों को बदलना, जीर्णोद्वार/नवीनीकरण के कार्य अवयवों के निर्धारण में समाजसेवी संस्थाओं एवं गणमान्य नागरिकों, जन प्रतिनिधियों से अनुभव एवं सलाह प्राप्त की जाकर उपयुक्त कार्यों का चयन करना।
इसके अतिरिक्त नगरीय निकायों द्वारा कार्ययोजना अनुरूप संपादित कार्यों की जानकारी संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रतिदिन प्रेषित की जावेगी । इसके लिए नोडल अधिकारी कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है।
जल संरचनाओं में मिलनें वाले गंदे पानी के नाले/नालियों को स्वच्छ भारत मिशन (SBM 2.0) अंतर्गत क्रियान्वित लिक्विड़ वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के माध्यम से डायवर्सन के उपरांत शोधित कर जल संरचनाओं में छोड़ा जाना सुनिश्चित करेंगे।
अभियान से समाज के जुडाव के लिए जन समुदाय को इसके उद्देश्यों, किये जानें वाले कार्यों तथा प्राप्त होने वाले परिणामों/लाभों से परिचित होना आवश्यक है, जिसके लिए सरकार और समाज के लिए सतत् संवाद की कड़ी होना चाहिए। अतः नगरीय निकायों द्वारा स्वयंसेवी के रूप में कार्य करनें के लिए युवा एवं मातृ शक्ति को प्रेरित के लिए 100 जलदूत/जलमित्र/अमृत मित्र तैयार किए जाएं एवं उनका भारत सरकार के माय भारत पोर्टल में https:/www.mybharat.gov.in पर जाकर पंजीकरण किया जावे। इसके लिए विभागीय नोडल अधिकारी संभव अयाची, प्र० उपायुक्त स्वास्थ्य एवं संदीप जायसवाल, प्र० स्वास्थ्य अधिकारी, संबंधित सहा. स्वास्थ्य अधिकारी एवं मुख्य स्वच्छता निरीक्षक होंगे।