जबलपुर को और बेहतर रेल सुविधा मिलेगी, रेल संशोधन विधेयक पर सांसद आशीष दुबे का उद्बोधन
जबलपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद आशीष दुबे ने बुधवार को लोकसभा में रेल्वे संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान अपने उद्बोधन में कहा कि रेल मंत्रालय जबलपुर को और बेहतर रेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए गंभीर है और मध्यप्रदेश को भी रेल के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं।

सांसद ने बताया कि उनसे स्वयं रेल मंत्री (Railway Minister) अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही है कि जबलपुर और मध्यप्रदेश (MP) को रेल क्षेत्र में प्राथमिकता के साथ सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।लोकसभा में रेल संशोधन विधेयक 2024 पर अपनी बात रखते हुए श्री दुबे ने जबलपुर की जनता की ओर से अध्यक्ष के माध्यम से समूचे सदन का अभिवादन किया ।
भारतीय रेल रच रही नया इतिहास
सांसद ने कहा कि देश में 68 हजार किलोमीटर से अधिक रेल लाइन वाला विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है जहां 13 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के कुशल और संवेदनशील नेतृत्व में भारत का रेल नेटवर्क विश्व के सर्वोत्तम रेल नेटवर्कों में अग्रणी रहकर यात्रियों को सुविधा प्रदान कर रहा है।विश्व के अन्य देशों दक्षिण आफ्रीका, यूक्रेन,पोलैंड,यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में पिछले 9 वर्षों में बिछाए जा चुके हैं।
मध्यप्रदेश को पहली बार मिली रिकार्ड राशि
मध्यप्रदेश की चर्चा करते हुए सांसद आशीष दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि भोपाल का रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित भारत की कहानी कहता है। पिछले रेल बजट में मध्यप्रदेश को पहली बार रिकार्ड राशि प्रदान की गई और 5 नई वंदे भारत ट्रेने भी मिलीं।
भारतीय रेल्वे का स्वर्णिम काल
सांसद ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा रेल मंत्रालय को राजनैतिक हथियार के रुप में किए जाने का भी जिक्र किया और कहा कि काँग्रेंस ने भारतीय रेल्वे को एक राजनैतिक औजार बनाकर रख दिया था लेकिन उन सब से परे आज भारतीय रेल की विश्व में अलग पहचान है।
देश की जीवन रेखा बनकर भारतीय रेल सबसे भरोसेमंद और सुगम यातायात प्रदान कर माननीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मार्गदर्शन में नए स्वरुप में देश की सेवा कर रही है। यह भारतीय रेल्वे का स्वर्णिम काल है और शीघ्र ही भारतीय रेल विश्व का शीर्षस्थ रेल नेटवर्क होगी।