भारत में जल्द शुरू होगी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस

भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। एलन मस्क की कंपनी पिछले तीन साल से भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने की कतार में है।

Jan 30, 2025 - 15:48
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भारत में जल्द शुरू होगी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस
Starlink satellite internet service will start soon in India

भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। एलन मस्क की कंपनी पिछले तीन साल से भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने की कतार में है। पिछले साल सरकार ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं जल्द शुरू करने की बात कही थी। दिसंबर में दूरसंचार नियामक और अन्य स्टेकहोल्डर्स मिलकर स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया को फाइनलाइज करने वाले थे। हालांकि, अभी इसे लेकर कोई अपडेट नहीं आया है।

स्टारलिंक ने मानी शर्त!-

सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के लिए सरकारी की शर्त मान ली है। स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए सिक्योरिटी और डेटा स्टोरेज कंप्लायेंस पूरा करने को तैयार है। फिलहाल एयरटेल और जिओ स्पेस फाईबर को सरकार की तरफ से सिक्योरिटी कंप्लायेंस मिल चुकी है। जल्द ही, सरकार सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन का काम पूरा करेगी। सरकार सर्विस प्रोवाइडर्स को एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से स्पेक्ट्रम अलोकेट करने वाली है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टारलिंक ने दूरसंचार विभाग की लोकल डेटा स्टोरेज वाली शर्तों को मान लिया है। दूरसंचार विभाग ने सभी सर्विस प्रोवाडर्स को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लोकल डेटा स्टोरेज वाली शर्त मानने के लिए कहा था। स्टारलिंक के अलावा अमेजन भी अपनी क्वीपर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस को भारत में लॉन्च करने की तैयारी में है।

ब्रॉडबैंड सर्विस कंपनियों में मुकाबला-

एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक द्वारा भारत सरकार की शर्तों को मानने के बाद, देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाली कंपनियों के बीच एक रोचक प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। यूजर्स को अब बिना किसी तार के सुपरफास्ट सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा मिलेगी। इसका सीधा फायदा देश के उन रिमोट क्षेत्रों को होगा, जहां मोबाइल नेटवर्क और ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड सर्विस नहीं पहुंचाई जा सकती है। उन क्षेत्रों में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के जरिए इंटरनेट सर्विस मुहैया कराई जा सकेगी।