MP News: हाईकोर्ट से परमार को मिली राहत, हाईकोर्ट ने कहा सिर्फ केस दर्ज है,दोष सिद्ध नहीं
हाई कोर्ट ने नर्सिंग मामले में याचिकाकर्ता एवं एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी है।
हाई कोर्ट ने नर्सिंग मामले में याचिकाकर्ता एवं एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी है। हाईकोर्ट (High Court) जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने कहा कि किसी के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, लेकिन अभी आरोप सिद्ध नहीं हुआ। इसलिए आरोपी को शिक्षा के अधिकार से वंचित करना संविधान में दर्ज मौलिक अधिकार के विपरीत होगा।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दलील दी कि मप्र (MP) के नर्सिंग घोटाले में सचेतक की भूमिका का निवर्हन करने के कारण झूठे प्रकरण दर्ज करा दिए गए। आरोपी के खिलाफ 4 एफआइआर (FIR) दर्ज की गई थी। बावजूद उनमें से किसी एक मामले में ठोस आधार नहीं है। इसलिए केस दर्ज होने के आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना अनुचित होगा। ऐसा किया जाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद-29 के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार का भी उल्लंघन है। हाई कोर्ट ने तर्क को सुनने के बाद एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी।
क्या था पूरा मामला
रवि परमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें एमपी कर्मचारी चयन मंडल (ESB) द्वारा आयोजित नर्सिंग परीक्षा में शामिल होने से रोका जा रहा है। दरअसल परमार पर कई FIR दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश उनके द्वारा नर्सिंग घोटाले को उजागर करने और छात्र हित में किए गए आंदोलनों के कारण दर्ज की गई थीं। सुनवाई के दौरान परमार के वकील अभिषेक पांडे ने अदालत में तर्क दिया कि एफआईआर का कोई ठोस आधार नहीं है और सिर्फ इस आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना शिक्षा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।