नीतीश के मंत्री मंडल से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का इस्तीफा
राजभवन में फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की कोई आधिकारिक तैयारी नहीं है, लेकिन अब ऐसा संभव है।

राजभवन में फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की कोई आधिकारिक तैयारी नहीं है, लेकिन अब ऐसा संभव है। भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने 'एक व्यक्ति, एक पद' के फॉर्मूले के तहत नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद, भाजपा से एक प्रमुख नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
28 फरवरी से शुरू होगा बजट सत्र-
दिलीप जायसवाल ने यह इस्तीफा 26 फरवरी को दिया, और इसके तुरंत बाद इस्तीफा राजभवन को भेजा गया। साथ ही, नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल से समय भी मांगा गया। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू हो रहा है, और इससे पहले नीतीश कुमार सरकार मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी कर रही है।
नए मंत्रियों की नियुक्ति पर विचार-
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नए मंत्रियों की नियुक्ति पर विचार हो रहा है। दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के बाद अब यह देखा जाएगा कि सरकार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देती है या कोई और रणनीति अपनाई जाती है। इसके अलावा, जिन मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग हैं, उनके विभागों में भी फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।
जातीय समीकरण पर भी खास ध्यान-
मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, नीतीश सरकार में पांच से छह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसमें भाजपा कोटे से तीन से चार और जदयू कोटे से एक से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी ने भी एक मंत्री पद की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, विस्तार में अगड़ी जातियों (राजपूत और भूमिहार) से दो मंत्री, अतिपिछड़ा वर्ग से दो और पिछड़ा वर्ग से एक मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा, कुर्मी समाज के एक प्रतिनिधि को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।