ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट वीजा की बढ़ी फीस, महंगी पढ़ाई के कारण अन्य विकल्पों को तलाश रहे स्टूडेंट

ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कम नहीं है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा ऐसे स्टूडेंट्स के लिए तगड़ा झटका दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में अब स्टूडेंट्स वीजा की कीमत दो गुना से भी अधिक कर दी गई है।

Jul 9, 2024 - 15:32
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ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट वीजा की बढ़ी फीस, महंगी पढ़ाई के कारण अन्य विकल्पों को तलाश रहे स्टूडेंट
Student visa fees increased in Australia, students are looking for other options due to expensive studies

ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कम नहीं है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा ऐसे स्टूडेंट्स के लिए तगड़ा झटका दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में अब स्टूडेंट्स वीजा की कीमत दो गुना से भी अधिक कर दी गई है। जिससे दूसरे देश से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों पर इसका असर पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया में वीजा की फीस 710 डॉलर से बढ़ाकर 1600 डॉलर कर दी गई है। भारतीय मुद्रा के हिसाब से देखें को जहां पहले भारतीय छात्रों को लगभग 59,277 रुपए देने पड़ते थे, वहीं अब उन्हें इसके लिए 133,584 रुपए चुकाना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया की फेडरल सरकार ने स्टूडेंट वीजा की फीस में बढ़ोतरी करते हुए कहा कि इससे देश के राजस्व में इजाफा होगा, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी। साथ ही जो नए छात्र हैं उनको भी सहायता मिलेगी। शिक्षा मंत्री जेसन डीन क्लेयर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय वैभव है और हमें इसकी अखंडता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की जरूरत है। 

महंगाई के कारण कई छात्र होंगे निराश 

भारतीय उच्चायोग के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या अगस्त 2023 में 120,277 थी। वहीं साल 2022 में भी एक लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने के लिए गए थे। इससे पहले भी भारतीय छात्रों की पसंद कैनबरा रही है, लेकिन वहां की सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद कई छात्रों का ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ने का सपना टूट सकता है। इस फैसले के बाद छात्र निराश हैं। उनके सामने एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि वे आखिर अपने इस सपने को महंगाई के साथ कैसे पूरा कर पाएंगे। हालांकि, काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष येगानेह सोल्टनपुर ने इस निर्णय की निंदा की और कहा कि फीस वृद्धि की वजह से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए इतना पैसा खर्च करने के बाद भी अगर नौकरी नहीं मिलती है तो ये दुख और चिंता की बात है। यही वजह है कि अब छात्र ऑस्ट्रेलिया के अलावा दूसरे देशों में भी अपना विकल्प देख रहे हैं। 

पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर भी होगा असर 

ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिल हॉनीवुड ने मीडिया से कहा कि यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र के लिए आखिरी झटका है। साथ  ही कहा कि हम 48 बिलियन अमेरिकी डॉलर को खोने का खतरा भी उठा रहे हैं, इसके अलावा ये कदम हमारे इंडो-पैसिफिक पड़ोसियों के साथ संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।