ब्रिकी बढ़ाने की ऐसी तकनीक, 20 सेकेंड में परख लेते हैं व्यक्ति की रुचि 

सोशल मीडिया के इस जमाने में अब दुकानदार अपनी खरीददारी बढ़ाने के लिए यूजर्स की रुचि को भी भांप रहे हैं। स्क्रीन को देखते हुए यूजर की निगाह 20 सेकेंड भी किसी भी सामान पर ठहर गई, तो वही पोस्ट आने लगते हैं।

May 20, 2024 - 17:12
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ब्रिकी बढ़ाने की ऐसी तकनीक, 20 सेकेंड में परख लेते हैं व्यक्ति की रुचि 
Such a technique to increase sales tests a person's interest in 20 seconds

सोशल मीडिया के इस जमाने में अब दुकानदार अपनी खरीददारी बढ़ाने के लिए यूजर्स की रुचि को भी भांप रहे हैं। स्क्रीन को देखते हुए यूजर की निगाह 20 सेकेंड भी किसी भी सामान पर ठहर गई, तो वही पोस्ट आने लगते हैं। चाहे फिर कुर्ता लेना हो या साड़ी। बच्चों के कपड़े, गैजेट्स। इससे ही संबंधित पोस्ट आपको इतने बार देखने मिलते हैं, जब तक आप उसकी खरीदी न कर लें। यह भी खरीददारी बढ़ाने की एक तकनीक है। जो व्यक्ति की रुचि को कुछ ही सेंकेंड में समझ लेते हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया के कारण बाजार में लगने वाली दुकानों की समस्या भी बढ़ गई है। ऑनलाइन बिकने वालों प्रोडक्ट्स को लोग अपनी नजदीकी दुकानों में जाकर ढूढ़ते हैं। जिससे इन्हें भी अब अपनी दुकान के स्टॉक को हर रोज अपडेट करना पड़ रहा है। 

विदेशी ब्रांड्स की बढ़ी डिमांड 

ग्लोबल मार्केटिंग के कारण लोग घर बैठे विदेशी सामानों को भी देखते हैं और ऑर्डर करते हैं। इसलिए आम दुकानों में भी इनकी डिमांड बढ़ गई है। कॉस्मेटिक दुकान संचालक शरद जैन ने बताया कि इन दिनों वे अपनी दुकान में लगभग 700 ब्रांड्स को उपलब्ध करा रहे हैं। जिनमें से 300 ब्रांड्स विदेश के हैं। इनका कहना है कि ऑनलाइन मार्केटिंग के कारण साधारण मार्केट में भी स्टॉक मेंटेंन करना बेहद जरूरी हो गया है। हर रोज ग्राहकों की मांग के कारण स्टॉक अपडेट करना होता है। ग्राहक को एक बार, दो बार न कह सकते हैं, लेकिन बार-बार डिमांड आने पर नए-नए ब्रांड्स को भी स्टॉक में शामिल करना जरूरी हो जाता है। वरना ग्राहकी टूटने जैसा रिस्क उठाना पड़ता है। 

मार्केट में बने रहने के लिए मांग की पूर्ति है जरूरी 

इंटीरियर के आइटम्स में भी ऑनलाइन काफी सारा कलेक्शन उपलब्ध हो जाता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में ग्राहक सिर्फ एक दुकान का कलेक्शन नहीं देखते, बल्कि कई सारी दुकानों का कलेक्शन देख रहे होते हैं। उन्हें कई डिजाइन्स मिल जाते हैं और फिर वे उन्हीं डिजाइन्स को नजदीकी बाजार में ढ़ूढ़ते हैं। इससे इंटीरियर दुकान संचालकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें भी अपने स्टॉक को हर हफ्ते अपडेट करना पड़ रहा है। इंटीरियर दुकान के संचालक प्रिंस सलूजा ने बताया कि यदि मार्केट में बने रहना है तो ग्राहकों की मांगों को पूरा करना जरूरी है। यही वजह है कि ऑनलाइन मार्केट के हिसाब से स्टॉक मेंटेन करना होता है ताकि ग्राहक दुकान से बिना सामान लिए न जा पाएं।