MP News :बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 8 हाथियों की संदिग्ध मौत, 1 की हालत गंभीर

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 8 जंगली हाथियों की मौत हो गई और 1 की हालत गंभीर है और जो बीमार हैं उनका इलाज करने के लिए जबलपुर के डाक्टरों की टीम पहुंची है।कोदो और कुटकी की फसल खाने से हाथियों की मौत की आशंका जताई जा रही है। 

Oct 30, 2024 - 10:46
Oct 30, 2024 - 13:45
 11
MP News :बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 8 हाथियों की संदिग्ध मौत, 1 की हालत गंभीर
Suspicious death of 8 elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve

शहडोल (Shahdol) के उमरिया (Umaria) स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क (Bandhavgarh National Park) में आठ जंगली हाथियों (Elephants) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। और एक हाथी की हालत गंभीर बनी हुई हैं। मृतकों में चार नर और चार मादा हाथी है। टाइगर रिजर्व से लगे खेतों में लगी फसलों को खाने के बाद 13 जंगली हाथियों का झुंड संकट में आ गया। इस घटना को लेकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हड़कंप मचा हुआ है। 

सलखनिया बीट के पास मृत मिले हाथी 

वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार शाम बांधवगढ़ नेशनल पार्क के खेतौली और पतौर रेंज से लगे सलखनिया बीट के गांव चरकवाह के पास हाथियों के मौत की सूचना मिली थी। मौके पर जब रेस्क्यू को टीम पहुंची तो चार हाथी मृत मिले। आसपास सर्चिंग के दौरान पांच और हाथी बीमार मिले। जो जमीन पर तड़प रहे थे। रेस्क्यू के दौरान एक स्वस्थ हाथी ने टीम को खदेड दिया जिसमे पनपथा रेंज अधिकारी घायल हो गए। वही बुधवार को 4 बीमार हाथियों ने भी दम तोड़ दिया | प्रारंभिक जांच में टाइगर रिजर्व के अफसरों ने फसलों पर डाले गए कीटनाशक को कारण बताया है। पार्क प्रबंधन के अनुसार पीएम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

मौत पर विशेषज्ञों की राय भी अलग

वन्य प्राणी विशेषज्ञ नितिन सांघवी का कहना है कि खेतों में कीटनाशक बेहद कम मात्रा में उपयोग होता है। इससे हाथियों का मरना संशय पैदा कर रहा है। वहीं विशेषज्ञ पुष्पेंद्रनाथ द्विवेदी का कहना है, हाथी कोदो खाने से नहीं मर सकते। खेत में कीटनाशक अधिक डाला गया होगा जो घातक साबित हुआ है। हालांकि जबलपुर और भोपाल की टीम जांच शुरू कर दी है।

बांधवगढ़ की लापरवाही कई बार हुई उजागर

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक 45 से अधिक बाघों की जान जा चुकी है। कई बार जंगली जानवर शिकार (Hunt) व जहरखुरानी (poisoning) के शिकार बने। इसके बाद भी अफसर नहीं चेते। लेकिन रिकॉर्ड में ये मौतें आपसी संघर्ष में चढ़ती गई। अब 4 हाथियों की संदिग्ध मौत पर वन मंत्री से विभाग प्रमुख की संज्ञान में भी मामला पहुंचा।  विशेषज्ञों का दावा है, हाथियों की मौत जहर से या फिर गंभीर बीमारी से हुई है।

हाथियों की मौत की होगी जांच 

बांधवगढ़ उमरिया में हाथियों की मौत मामले में जबलपुर पहुचे उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है किस वजह से मौत हुई है इसकी जानकारी वनविभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से ली जाएगी। इतने सारे हाथियों की मौत होना संदेहास्पद है, पूरे मामले की जांच होगी।