बेहतर डाइट से रखें अपने लिवर का ख्याल
वर्ल्ड लिवर डे (WLD) एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम है, जिसे हर वर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में लिवर रोगों के बारे में जानकारी फैलाना और उनकी रोकथाम को प्रोत्साहित करना है।

वर्ल्ड लिवर डे (WLD) एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम है, जिसे हर वर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में लिवर रोगों के बारे में जानकारी फैलाना और उनकी रोकथाम को प्रोत्साहित करना है। इस दिन कई गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संगठनों और स्थानीय सरकारी संस्थाओं के सहयोग से क्रियान्वित किया जाता है। ये सभी पहल लिवर संबंधी बीमारियों की गंभीरता, समय पर पहचान और उनसे बचाव पर केंद्रित होती हैं।
यकृत, जो मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देता है—जैसे चयापचय, पाचन प्रक्रिया में सहायता, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना, विषैले तत्वों को बाहर निकालना, और विटामिन, खनिज, व ग्लूकोज का भंडारण करना। यह अंग विशेष रूप से इस मायने में भी अनोखा है कि यह खुद को 60–70% तक नुकसान होने के बाद भी पुनः विकसित कर सकता है। फिर भी, यदि लिवर में कोई गड़बड़ी हो जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
विश्व लिवर दिवस (WLD) का महत्व
प्रति वर्ष विश्वभर में करीब 20 लाख लोग लिवर से संबंधित बीमारियों की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मौतें लीवर सिरोसिस के कारण होती हैं, जबकि बाकी मामलों में वायरल हेपेटाइटिस और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर) जैसे रोग जिम्मेदार होते हैं। लीवर सिरोसिस और लिवर कैंसर मिलकर वैश्विक मृत्यु दर में लगभग 3.5% योगदान देते हैं। जहां सिरोसिस इस समय दुनिया में मृत्यु का 11वां प्रमुख कारण है, वहीं लिवर कैंसर वैश्विक स्तर पर 16वें और भारत में 10वें स्थान पर सबसे जानलेवा रोगों में शामिल है।
दूसरी ओर, दुनियाभर में लगभग 200 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं, जिनमें से अनुमानित 7.5 से 10 करोड़ लोग शराब से होने वाली लिवर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसके अलावा, करीब 200 करोड़ वयस्क अधिक वजन या मोटापे से जूझ रहे हैं, और 40 करोड़ लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं—ये सभी स्थितियां गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) और लिवर कैंसर के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा देती हैं।
हालांकि वायरल हेपेटाइटिस अब भी व्यापक रूप से फैला हुआ है, लेकिन दवाओं से होने वाली लिवर की क्षति भी तेज़ी से तीव्र हेपेटाइटिस का एक प्रमुख कारण बनती जा रही है। अनुमान है कि 2005 की तुलना में 2030 तक हर साल नए मामलों में 35% की बढ़ोतरी देखी जाएगी, जो लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को और भी जरूरी बना देता है।
विश्व लिवर दिवस 2025 की थीम
"भोजन ही दवा है" – इस वर्ष लिवर स्वास्थ्य पर पोषण के प्रभाव को लेकर जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। यह विषय इस बात पर जोर देता है कि संतुलित और संपूर्ण खाद्य पदार्थों से युक्त आहार लिवर की बीमारियों को रोकने में कितना महत्वपूर्ण है। थीम यह भी दर्शाती है कि सही खानपान न केवल लिवर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है, बल्कि चयापचय से जुड़ी समस्याओं के खतरे को भी कम कर सकता है।
स्वस्थ लिवर बनाए रखने के उपाय
मानव शरीर में लिवर विषाक्त पदार्थों को निष्क्रिय करने वाला एक प्रमुख अंग है। इसे स्वस्थ रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आदतें अपनानी चाहिए:
-संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जिसमें प्रोटीन और फाइबर की पर्याप्त मात्रा हो।
-तनाव को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और ध्यान जैसी गतिविधियाँ अपनाएं।
-शराब और तंबाकू के सेवन से दूरी बनाए रखें।
-चिकित्सकीय परामर्श के बिना किसी भी दवा का सेवन करने से बचें।
-समय पर हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों के लिए टीकाकरण करवाएं।
-अपने शरीर का वजन नियंत्रित और स्वस्थ सीमा में रखें।
-संक्रमित सुइयों के प्रयोग और असुरक्षित यौन संबंध से बचाव करें।