मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित कर मादल की थाप पर किया नृत्य
गोंडवाना साम्राज्य की महारानी अदम्य शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती के 461वें बलिदान पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नर्रई नाला स्थित समाधि स्थल पहुँचकर पूजा-अर्चना की तथा रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जबलपुर में विरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री ने की शिरकत, कई कार्यक्रमों में शामिल हुए
गोंडवाना साम्राज्य की महारानी अदम्य शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती के 461वें बलिदान पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नर्रई नाला स्थित समाधि स्थल पहुँचकर पूजा-अर्चना की तथा रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, विधायक सुशील तिवारी इंदु, संतोष वरकड़े, डॉ. अभिलाष पांडे एवं नीरज सिंह, पूर्व विधायक नन्दिनी मरावी, भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष तिवारी रानू भी थे।
मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर रानी दुर्गावती अमर रहे के नारों के बीच रानी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया तथा समाधि स्थल पर पौधे रोपे। रानी की समाधि पर पूजा और श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर ही रानी दुर्गावती के सुपुत्र वीरनारायण को भी पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के आराध्य बड़ादेव की पूजा अर्चना की। इसके पहले वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित करने समाधि स्थल पहुँचे मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के लोगों का अभिवादन किया। समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री का स्वागत बैगा आदिवासी नर्तक दल ने बैगा नाचा नृत्य से किया। मुख्यमंत्री को आदिवासी नर्तकों ने खुमरी पहनाई। डॉ यादव भी इस मौके पर कुछ अलग अंदाज में नजर आये। उन्होंने मोहगांव, मंडला से आये इन आदिवासी नर्तकों के साथ मादल की थाप पर नृत्य किया। डॉ यादव ने खुद पहले मादल पर और बाद में नगाड़े पर थाप दी। समाधि स्थल से प्रस्थान करते समय मुख्यमंत्री डॉ यादव बैगा नर्तक दल के सदस्यों से आत्मीयता से मिले। उन्होंने दल में शामिल कलाकारों को पाँच-पाँच हजार रुपये देने की घोषणा भी की।