जबलपुर के दोहरे हत्याकांड में फरार लड़की उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार, युवक अभी भी फरार
जबलपुर के सिविल लाइन स्थित मिलेनियम कालोनी के जघन्य हत्याकांड में फरार नाबालिग लड़की को पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। युवती के साथ फरार युवक पुलिस को चकमा देने में कामयाब हुआ।
जबलपुर के सिविल लाइन स्थित मिलेनियम कालोनी के जघन्य हत्याकांड में फरार नाबालिग लड़की को पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। युवती के साथ फरार युवक पुलिस को चकमा देने में कामयाब हुआ। फिलहाल पुलिस नाबालिग को जबलपुर लेकर आ रही है उससे आरोपित के बारे में जानकारी ली जाएगी। नाबालिग लडकी ने पिता और भाई की हत्या की थी। घटना के बाद से ही आरोपित और नाबालिग फरार चल रहे थे जिनकी तालाश की जा रही थी।
70 दिन बाद पुलिस के हाथ सफलता-
घटना के करीब 70 दिन बाद पुलिस को आरोपित को नाबालिग को पकड़ पाई है। इसके लिए पुलिस ने देशभर के कई राज्यों में टीम भेजी और पोस्टर छपवाकर आरोपित की तलाश की। पुलिस को पोस्टर के जरिए ही आरोपित की जानकारी मिली। उत्तराखंड के हरिद्वार में आरोपित रह रहे थे जहां स्थानीय नागरिक ने पोस्टर देखकर आरोपित मुकुल की पहचान कर ली। इस संबंध में पुलिस को जानकारी मिली जिसके बाद टीम को रवाना किया गया। टीम ने हरिद्वार में मुकुल को पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन वह फरार हो गया वहीं नबालिग पुलिस के हत्थे चढ़ गई।
क्या है पूरा मामला-
सिविल लाइन में रेलवे की मिलेनियम कालोनी में रहने वाले राजकुमार विश्वकर्मा उम्र 52 वर्ष व उनके बेटे तनिष्क उम्र 8 बर्ष की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पिता राजकुमार व भाई तनिष्क की हत्या के बाद नाबालिग बेटी ने भोपाल में अपने चचेरी बहन को वाइस मैसेज कर कहा कि पड़ोस में रहने वाले मुकुल ने पापा व भाई को मार दिया है। दोपहर करीब तीन बजे पुलिस आरपीएफ के साथ पहुंची तो घर पर बाहर से ताला लगा था। ताला तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई। घर के भीतर किचन में राजकुमार की खून से सनी लाश पड़ी थी। शव पॉलीथिन में बंद था। वहीं फ्रिज में पॉलीथिन के ऊपर चादर में लिपटी तनिष्क की खून से सनी लाश मिली। इसके बाद से रेलकर्मी की 17 साल की बेटी अपने बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह 21 के साथ फरार हो गई। पुलिस को अलग-अलग राज्यों में दोनों की लोकेशन मिली थी। आरोपित हर बार जगह बदलते रहे। इसके बाद पुलिस ने आरोपित का पोस्टर और फोटो कई राज्यों में बांटा और पूछताछ की।
आश्रम में बना रखे थे ठिकाना-
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि आरोपित मुकुल और नाबालिग आश्रम, गुरूद्वारा और अन्य धार्मिक स्थानों पर ठिकाना बना रहे थे। वे यहां भोजन करते और दिन गुजार रहे थे। हरिद्वार में इसी तरह वे आश्रम में थे जहां पर चौकीदार को मुकुल की शक्ल पोस्टर से मिलती जुलती दिखी। उसने इसकी खबर पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। हरिद्वार में जब पुलिस पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी उस वक्त मुकुल को संदेह हुआ और उसने कुछ देर में आने की बात कहकर वहां से भाग गया। पुलिस अभी खोजबीन कर रही है। इधर नबालिग को जल्द जबलपुर लाकर पुलिस जांच करेगी।