दुष्कर्म प्रकरण में रेलवे कर्मी को पहले दी गई जमानत निरस्त
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी रेलवे के अधिकारी विनोद कोरी को पूर्व में दी गई जमानत को निरस्त कर दिया। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने संबंधित पुलिस थाने को कहा कि आरोपी को गिरफ्तार किया जाए।
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी रेलवे के अधिकारी विनोद कोरी को पूर्व में दी गई जमानत को निरस्त कर दिया। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने संबंधित पुलिस थाने को कहा कि आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। दरअसल, जमानत मिलने पर आरोपी उसका दुरुपयोग कर रहा था और पीड़िता पर दबाव बना रहा था। जबलपुर निवासी पीड़िता की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग के अधिकारी विनोद कोरी पर उनकी सहकर्मी ने दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।
पीड़िता की रिपोर्ट पर बरेला पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के दो माह बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई। इसी बीच आरोपी का तबादला जबलपुर से सागर कर दिया गया। कोर्ट को बताया गया कि विनोद जबलपुर आकर पीड़िता का पीछा करते हुए उसको प्रताड़ित कर रहा है। पीड़ित महिला भय में जी रही है। आरोपी द्वारा इस बात का दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है कि पीड़िता अपने आरोपों से मुकर जाए। सबूत के तौर पर कोर्ट के समक्ष कुछ फोटोग्राफ भी पेश िकए गए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पूर्व में दी गई जमानत खारिज कर दी।