थम गई जाकिर हुसैन के तबले की थाप

मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके तबले की मधुर थाप लोगों के कानों में हमेशा गूंजती रहेगी। जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया, वह 73 वर्ष के थे।

Dec 16, 2024 - 14:26
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थम गई जाकिर हुसैन के तबले की थाप
The beats of Zakir Hussain's tabla have stopped

दुनिया से रुखसत हुए मशहूर तबला वादक 

तबले की थाप की बदौलत जो हमेशा के लिए लोगों के दिलों में उतर गए, ऐसे शानदार कलाकार थे जाकिर हुसैन। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके तबले की मधुर थाप लोगों के कानों में हमेशा गूंजती रहेगी। जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया, वह 73 वर्ष के थे। जानकारी के मुताबिक वह इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी से पीड़ित थे।

दुनिया को अलविदा कहने के बाद जाकिर हुसैन का आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट काफी वायरल हो रहा है। अक्टूबर में, जाकिर हुसैन ने एक पोस्ट किया था जिसमें वह अमेरिका में पतझड़ के मौसम का आनंद ले रहे थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह अपने फॉलोअर्स को वहां के बदलते मौसम के बारे में बता रहे थे। महान तबला वादक मौसम के इन बदलावों से प्रभावित थे और उन्होंने इस खूबसूरत दृश्य को अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, "बस एक अद्भुत पल साझा कर रहा हूं।" यह पोस्ट अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है।

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से थे ग्रसित-

जाकिर हुसैन के परिवार के अनुसार, उनकी मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic pulmonary fibrosis) के कारण हुई। वह पिछले दो हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे, उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट  किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना और शिक्षिका एंटोनिया मिनेकोला से शादी की। उनके दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी। अपने करियर में जाकिर हुसैन को चार ग्रैमी अवॉर्ड्स मिले, जिनमें से तीन इस साल के 66वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में शामिल थे।

मिल चुके ये खास सम्मान-

उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपनी कला से तबले को वैश्विक पहचान दिलाई और अपनी संगीत यात्रा से लोगों के दिलों में खास स्थान बनाया। उन्होंने अपने करियर में पांच ग्रैमी अवार्ड्स जीते, जिनमें से तीन इस साल के 66वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में उन्हें प्राप्त हुए। महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने पिता के मार्गदर्शन में सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल की। भारत के प्रमुख शास्त्रीय संगीतकारों में शुमार जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण और 2023 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।

जाकिर हुसैन ने महज 12 साल की उम्र में बड़े ग़ुलाम अली, आमिर खां और ओंकारनाथ ठाकुर जैसे दिग्गजों के साथ तबला बजाया, जो उनके असाधारण कौशल को दर्शाता है। 16-17 साल की उम्र में उन्होंने रविशंकर और अली अकबर खां जैसे महान कलाकारों के साथ भी तबला बजाया। इसके बाद, उन्होंने हरि प्रसाद, शिव कुमार, अमज़द अली खान और फिर शाहिद परवेज़, राहुल शर्मा, अमान-अयान जैसे अन्य प्रमुख संगीतकारों के साथ भी तबला बजाया। बॉलीवुड के अलावा, जाकिर हुसैन ने हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया, जहां उन्होंने अपनी कला का जादू बिखेरा।