सार्थक पर और सख्त हुआ विभाग, एप पर हाजिरी नहीं दी तो वेतन रुकेगा

सरकार के सारे प्रयासों के बावजूद सरकारी सरकारी कॉलेजों का हाजिरी सिस्टम पटरी पर नहीं आ पा रहा है।

Feb 26, 2025 - 16:44
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सार्थक पर और सख्त हुआ विभाग, एप पर हाजिरी नहीं दी तो वेतन रुकेगा
The department has become more strict on Sarthak, if attendance is not given on the app then salary will be stopped
  • सरकारी कॉलेजों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के फरमान से हड़कंप,
  • एक मार्च से अनिवार्य

सरकार के सारे प्रयासों के बावजूद सरकारी सरकारी कॉलेजों का हाजिरी सिस्टम पटरी पर नहीं आ पा रहा है। सरकार को अपने सार्थक एप पर पूर्ण विश्वास है,लेकिन प्रोफेसर सहित अन्य कर्मचारी इस पर सवाल उठाते रहे हैं। ताजा जानकारी है कि उच्च शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से फरमान जारी किया है,जिससे प्रोफेसरों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। आदेश के अनुसार, एक मार्च से ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगी तो वेतन रोका जाएगा और कार्रवाई भी होगी।

सिर्फ 60 फीसदी ही माने-

जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और अतिथि विद्वानों की सार्थक एप से उपस्थिति पिछले साल जुलाई से ही अनिवार्य है। इसके बावजूद उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज नहीं हो रही है। उच्च शिक्षा विभाग ऑनलाइन उपस्थिति के लिए लगातार कवायद कर रहा है। अभी भी सिर्फ 60 फीसद उपस्थिति एप के माध्यम से लगाई जा रही है। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने फिर से सभी क्षेत्रीय संचालकों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि एक मार्च से सबकी उपस्थिति सार्थक एप से ही मान्य की जाएगा।

आउटसोर्स कर्मी भी दायरे में-

विभाग ने तय किया है कि अब गैरहाजिर होने पर वेतन का भुगतान रोक दिया जाएगा। साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी। आदेशित में यह भी कहा गया है कि कालेजों के सभी अधिकारी,कर्मचारी,अतिथि विद्वान आउटसोर्स एवं अन्य सभी की एक सूची बनाएं। सूची के अनुसार अधिकारी व कर्मचारी के लिए लॉगिन उनका ट्रेजरी एम्प्लाय कोड ही होना चाहिए। वहीं अतिथि विद्वानों के लिए लागिन आइडी उनका मोबाइल नंबर ही होना चाहिए। सभी अतिरिक्त संचालकों को इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। एक मार्च से सभी की उपस्थिति सार्थक एप के माध्यम से की जाएगी।

इस सिस्टम पर एतराज क्यों है-

सार्थक एप से हाजिरी दर्ज कराने पर  शुरुआत से ही आपत्तियां दर्ज कराईं जा रही हैं। पहले आपत्ति थी कि नेटवर्क नहीं मिलता है तो विभाग ने एप तैयार करा लिया। इसके बाद भी ऑनलाइन अटेंडेंस की मुकम्मल शुरुआत नहीं हो सकी। अब कहा जा रहा है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के साथ (5जी) मोबाइल नहीं है,लेकिन सवाल ये उठाया जा रहा है कि जो कर्मचारी इस श्रेणी के मोबाइल से संपन्न हैं,उन्हें क्या परेशानी है।

सेल्फी के साथ होगी ऑनलाइन अटेंडेंस-

सार्थक एप जियो फेसिंग है, यानी सेल्फी के साथ ही हाजिरी लगेगी। हाजिरी लगते ही उसे क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक से लेकर आयुक्त उच्च शिक्षा तक देख सकेंगे। हाजिरी लगाने के बाद शिक्षक या अन्य स्टाफ कॉलेज से बाहर जाता है तो उसकी लोकेशन भी दिखाई देगी। शिक्षक या कर्मचारी कॉलेज से बाहर किसी शासकीय कार्य से जाता है तो उसकी एंट्री भी इस एप में की जाएगी।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।