मुख्तार अंसारी की जिंदगी की स्टोरी का द एंड....कोई कहे मसीहा, कोई कहे माफिया
मुख्तार अंसारी का शव शुक्रवार देर रात बांदा से गाजीपुर पहुंचा। शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इसके पहले दौरान मुख्तार अंसारी के जनाजे की नमाज अदा की गई। मुख्तार के जनाजे में भारी संख्या में लोग उमड़े थे।
मुख्तार की मौत मामले में नया अपडेट, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताई मरने की वजह, गाजीपुर मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में मुख्तार को किया सुपुर्दे-खाक
मुख्तार अंसारी का शव शुक्रवार देर रात बांदा से गाजीपुर पहुंचा। शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इसके पहले दौरान मुख्तार अंसारी के जनाजे की नमाज अदा की गई। मुख्तार के जनाजे में भारी संख्या में लोग उमड़े थे। चूंकि कब्रिस्तान में सिर्फ परिवार के लोगों को जाने की अनुमति थी। इसलिए लोग कब्रिस्तान के बाहर जुट गए। कुछ ही देर में हालात ऐसे हो गए कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्तार के परिवार को लोगों से शांत रहने की अपील करनी पड़ी। उसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
ये रहा घटनाक्रम-
पूर्वांचल के डॉन कहे जाने वाले माफिया और मउ के लोगों के मसीहा मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात मौत हो गई। पिछले कई दिन से मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब चल रही थी। इससे पहले भी जेल से मुख्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इलाज के बाद मुख्तार अंसारी को वापस जेल भेज दिया गया था। गुरुवार को अचानक फिर से मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी, आनन फानन उसे मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की मौत की पुष्टि की।
सवालों के घेरे में इलाज भी-
मुख्तार अंसारी की मौते के मामले में जेल प्रशासन तो शुरू से ही सवालों में रहा। अब जनपद का मेडिकल कॉलेद भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गया है। 26 मार्च को तड़के मुख्तार अंसारी को जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। उसे पेट में दर्द की शिकायत थी। उसका पूरे दिन करीब 14 घंटे तक इलाज किया गया और डॉक्टरों ने साधारण कब्ज की बीमारी बताकर उसे 26 मार्च की शाम को ही वापस जेल भेज दिया। यहां भी उसे अस्पलात में रखने के बजाए बैरक में रखा गया। इसके बाद 28 मार्च को कैसे इतनी हालत बिगड़ गई कि उसे हार्ट अटैक आया। विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं न कहीं 26 मार्च के इलाज में भी हीलाहवाली की गई। जिस कारण मुख्तार का मर्ज पकड़ में नही आ सका। इतना ही नहीं उसे किसी बड़े अस्पताल तो दूर जेल के अस्पताल में भी रखना क्यों नहीं मुनासिब समझा गया। कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जांच रिपोर्ट में देना पड़ेगा।