जबलपुर में प्रदेश में जल्द शुरू होगा पहला सरकारी बोन बैंक, डेढ़ से दो महीने के अंदर शुरू हो जाएंगी सेवाएं
मध्यप्रदेश का पहला सरकारी बोन बैंक मेडिकल अस्पताल में जल्द ही शुरू होगा। इसके खुलने से यहां हड्डी प्रत्यारोपण की सुविधा मरीजों को मिल सकेगी। इसकी तैयारी जारी है। डेढ़ से दो माह में यह सुविधा मिलेगी।
मध्यप्रदेश का पहला सरकारी बोन बैंक मेडिकल अस्पताल में जल्द ही शुरू होगा। इसके खुलने से यहां हड्डी प्रत्यारोपण की सुविधा मरीजों को मिल सकेगी। इसकी तैयारी जारी है। डेढ़ से दो माह में यह सुविधा मिलेगी। बता दें कि अब तक प्रदेश में केवल इंदौर में प्राइवेट सेक्टर के एक अस्पताल में ही है बोन बैंक संचालित है। बोन बैंक के लिए डीप फ्रीजर लाने आवश्यक प्रक्रिया जारी है। इसमें हड्डियों को सहेजा जाएगा। संग्रहित हड्डियों को जरूरतमंद मरीजों के प्रत्यारोपण में उपयोग किया जाएगा। बोन बैंक में हड्डी की गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी। यहां हड्डी को प्रत्यारोपण के लिए तैयार किया जाएगा, ताकि सर्जन आसानी से प्रत्यारोपण कर सकें।
हड्डी संरक्षण का समय -
जाघ की हड्डी का ऊपरी हिस्सा - 10 से 15 साल
पिंडली की हड्डी - 5 से 10 साल
पिंडली की हड्डी का बाहरी हिस्सा- 5 से 10 साल
रीढ़ की हड्डी - 10 से 20 साल
लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकेगी हड्डी
हड्डियों को सुरक्षित रखने की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है। जैसे कि हड्डी का प्रकार, संरक्षण की विधि, और स्टोर की स्थिति। आमतौर पर बोन बैंक में हड्डियों को 5 से 10 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह अवधि 20 साल या अधिक हो सकती है।
इन्हें आवश्यकता
-मेजर फैक्चर होने पर हड्डी प्रत्यारोपण को लेकर
-हड्डी में ट्यूमर होने पर हड्डी के प्रत्यारोपण के लिए
-जन्मजात विकारों में
-ऑस्टियोपोरोसिस में
-स्पाइनल कॉर्ड की चोट के मामले में
-ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के मामले में
इन मामलों में कारगर
-दुर्घटना में हड्डी टूटने
-घनत्व में कमी आने
-कमजोर होने
-बोन लॉस के मामले
-ट्यूमर या जन्मजात विकारों के मामले