जबलपुर विस्फोट मामले की गुत्थी और उलझी, विस्फोट से पहले कबाड़खाने क्यों आया था शमीम कबाड़ी, डीएनए रिपोर्ट में सिर्फ एक मृतक की हुई पहचान, दूसरा बना पहेली

जबलपुर के कबाड़खाने में हुए भयानक विस्फोट में दो मौतों की आशंका थी, लेकिन, डीएनए रिपोर्ट में सिर्फ एक मृतक की पुष्टि हुई है, जिससे दूसरी मौत का रहस्य और गहरा गया है।

May 10, 2024 - 17:04
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जबलपुर विस्फोट मामले की गुत्थी और उलझी, विस्फोट से पहले कबाड़खाने क्यों आया था शमीम कबाड़ी, डीएनए रिपोर्ट में सिर्फ एक मृतक की हुई पहचान, दूसरा बना पहेली


फरार शमीम कबाड़ी अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर

जबलपुर। 
जबलपुर पुलिस ने विस्फोट वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज खंगाल लिए हैं। फुटेज में सुबह-सुबह शमीम कबाड़ी को कबाड़खाने में आता हुआ दिखाया गया। पुलिस शमीम के आने के कारण की जांच कर रही है। वहीं शमीम की गिरफ्तारी अभी तक मुमकिन नहीं हो सकी है। पुलिस की टीमें खोज में जुटी हुई हैं।
पुलिस अब क्या करेगी-
खजरी खिरिया बाईपास पर  कबाड़खाने में विस्फोट के बाद मानव अंग मिले थे।  उनकी डीएनए जांच रिपोर्ट आ गई है। जिसमें एक मौत की बात स्वीकार की गई है।  दूसरा सैंपल का मिलान नहीं हुआ है। उस वक्त इस भयानक हादसे में दो मौतों की आशंका व्यक्त की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, घटना स्थल में से मिले  मानवअंग आनंद नगर निवासी मजदूर खलील के हैं। मजदूर भोला के के परिजनों का डीएनए सैम्पल से मैच नहीं हो सका। पुलिस ने खलील के पिता मुन्ना शेख और बेटे मोहम्मद आमीर व दूसरे मजदूर भोला के बेटे के डीएनए सेम्पल लिया गया था।  घटना स्थल से  भोला की बाइक मिली थी। फुटेज में भी कबाड़खाने में दिखा था। विस्फोट इतना जोरदार था कि भोला का बचना मुमकिन नहीं लग रहा था। अब पुलिस टीम द्वारा फिर से कबाड़खाने से मिट्टी और अन्य चीजों को एकत्र करेगी। इन्हें जांच के लिए डीएनए लैब भेजा जाएगा।
कैमरे में क्या दिखा-
कबाड़खाने के सीसीटीवी की डीवीआर में विस्फोट के दिन सुबह शमीम कबाड़खाने आया था। कुछ देर बाद वह लौट गया। इसके अलावा, बरेला के रहने वाले भोला सुबह लगभग नौ बजकर 18 मिनिट और खलील सुबह लगभग 11 बजकर 44 मिनिट पर कबाड़खाने में दाखिल हुए थे। इसके अलावा पुलिस को कुछ खास नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि मामले में अधारताल पुलिस ने शमीम उसके बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान अली पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। शमीम पर 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।