एक साथ सारी सब्जियों के दाम आसमान पर
आसामान छूते सब्जियों के दाम महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन चुके हैं। टमाटर के बगैर सब्जी का स्वाद गायब हो गया है तो वहीं प्याज के बिना थाली सूनी नजर आ रही है। अदरक के बिना चाय में स्वाद नहीं आ रहा है तो धनिया मिर्च के बगैर चटनी बनाने में मजा नहीं है।
घर खर्च का बैलेंस बिगड़ा, खाने का जायका भी बे मजा
आसामान छूते सब्जियों के दाम महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन चुके हैं। टमाटर के बगैर सब्जी का स्वाद गायब हो गया है तो वहीं प्याज के बिना थाली सूनी नजर आ रही है। अदरक के बिना चाय में स्वाद नहीं आ रहा है तो धनिया मिर्च के बगैर चटनी बनाने में मजा नहीं है। इन सभी चीजों के बिना खाना बनाना और खाने के स्वाद को बरकरार रखना महिलाओं के लिए एक बड़ा टास्क हो गया है। महिलाओं का कहना है सभी सब्जियों के दाम एक साथ बढ़ने से जहां घर खर्च का बैलेंस बिगड़ रहा है वहीं खाने का स्वाद भी बिगड़ गया है।
खाना बनाना चुनौती से कम नहीं -
अब तक तो यह होता आ रहा था कभी टमाटर महंगे होते तो कभी प्याज, कभी आलू तो कभी गोभी, पर ऐसा पहले शायद ही कभी हुआ हो कि सभी सब्जियों के दाम एक साथ बड़े है। इस बार ऐसा नहीं कि एक या दो सब्जियों के दाम महंगे होने से परेशान हैं बल्कि सभी सब्जियां महंगी मिल रहीं हैं। जिससे महिलाओं के किचन में खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है।
कैसे चलाये काम -
महिलाओं की माने तो उनका कहना है कभी प्याज महंगी होती थी तो बिना प्याज के सब्जी बना लेते थे,टमाटर महंगा होता था तो अमचुर डाल कर सब्जी में स्वाद बड़ा लेते थे। अदरक लहसुन महंगे होने पर बिना इनके ही खाना बना लेते थे। पर ऐसा नहीं होता था कि इन सबके बिना ही खाना बनाना पडे।
भिंडी, परवल, बैगन को देखने में लग रहा डर-
महिलाओं का कहना है सब्जी मंडी में एक दो घंटे घूमने के बाद भी यह नहीं सोच पा रहे कि कौन सी सब्जी खरीद कर घर लेकर जाएं । भिंडी , परवल, बैगन, शिमला, पालक, आलू के रेट सुनकर दिमाग घूम जाएगा। सब्जियां इतनी महंगी है कि सब्जियों को खरीद कर पकाना तो दूर उन्हें छूने में भी डर लगा रहा है।
लौकी और गिल्की ने भी छोड़ा साथ-
जब कभी हरी सब्जियों के रेट तेज होते हैं तो खाने में लौकी और गिल्की को शामिल कर लिया जाता था। हर दूसरे दिन घरों में यही सब्जी बनते नजर आती थी। गिल्की जहां 20 या 30 रुपए किलों मिल जाती थी वहीं अब 50 रुपए की मिल रही है, लौकी जिसे लोग फ्री में देने को तैयार हो जाते थे अब कम रेट में हाथ नहीं लगाने दे रहे है।
पुरुषों की जेब हो रही ढीली-
सब्जियों के महंगे होने से न सिर्फ महिलाएं पेरशान है बल्कि पुरुष भी इस महंगाई से जूझ रहे हैं। सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आए पुरुषों का कहना है कि जहां पहले वह 500- 600 रुपए में पूरे एक सप्ताह की सब्जी खरीदकर ले जाते थे वहीं अब 1200- 1300 रुपए भी कम पड़ रहे हैं।
सब्जियों के दाम-
धनिया 200 रुपए प्रति किलो
अदरक 150 रुपए प्रति किलो
लहसुन 150 रुपए प्रति किलो
गिल्की 150 रुपए प्रति किलो
आलू 40 रुपए प्रति किलो
प्याज 40 रुपए प्रति किलो
भिंडी 60 रुपए प्रति किलो
परवल 80 रुपए प्रति किलो
टमाटर 60 रुपए प्रति किलो
पालक 60 रुपए प्रति किलो
बैगन 60 रुपए प्रति किलो
शिमला 60 रुपए प्रति किलो