मक्का में थम नहीं रहा हज यात्रियों की मौत का सिलसिला, 1301 तक पहुंचा आंकड़ा, मरने वालों में 98 भारतीय हज यात्री शामिल  

सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा के दौरान 1300 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। ये जानकारी सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने दी है। हज यात्रियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत के भी 98 हज यात्रियों की मौत हुई है। इसके पीछे भीषण गर्मी वजह बताई जा रही है।

Jun 24, 2024 - 16:56
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मक्का में थम नहीं रहा हज यात्रियों की मौत का सिलसिला, 1301 तक पहुंचा आंकड़ा, मरने वालों में 98 भारतीय हज यात्री शामिल  

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी, मरने वालों में 83 प्रतिशत हज यात्री अनाधिकृत 
इस साल सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच हज यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच गई है। सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने कहा कि 1,301 मौतों में से 83 फीसदी अनधिकृत तीर्थयात्री थे, जो पवित्र शहर मक्का और उसके आस-पास हज की रस्में निभाने के लिए तेज़ तापमान में लंबी दूरी तय करके आए थे। सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
मरने वाले में सबसे ज्यादा मिस्र के तीर्थयात्री
मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी। अधिकारियों ने कहा कि अनाधिकृत तीर्थयात्रियों के सऊदी अरब भेजने में सामिल 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। मिस्र में स्थानीय एजेंट आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को खर्च बचाने का लालच देकर टूरिस्ट वीजा पर हज करने सऊदी अरब भेज देते हैं। रजिस्ट्रेशन न होने के चलते इन यात्रियों को हज की सुविधा नहीं मिलती है। मिस्र के एक परिवार ने बताया था कि इसी तरह से हज करने गई उनके घर की महिला को मक्का की तपती गर्मी में 12 किमी पैदल चलना पड़ा था। बाद में उनकी मौत हो गई थी। अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर मौतें मक्का के अल-मुआइसमय इलाके में आपातकालीन परिसर में हुई हैं। मिस्र ने इस साल 50,000 से ज्यादा अधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब भेजा था, लेकिन बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत यात्री भी पहुंचे थे। सऊदी अधिकारियों ने गैर पंजीकृत यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हजारों को वापस भेज दिया था, लेकिन कई मक्का और उसके आस-पास के पवित्र स्थलों तक पहुंचने में कामयाब रहे। इनमें ज्यादातर मिस्र के थे। इनके पास गर्मी से बचने के लिए कोई होटल नहीं था।
हज यात्रा पर गर्मी का कहर
हज के दौरान मौतें पहले भी होती रही हैं, क्योंकि इस दौरान कई बार 20 लाख से ज़्यादा लोग सऊदी अरब की यात्रा करते हैं। इसके अलावा, हज यात्रा के दौरान पूर्व में भगदड़ मचने की घटनाएं और महामारी भी फैल चुकी है। लेकिन इस बार जिस मात्रा में मौतें हुई हैं, उसने सभी को हैरान कर दिया है। इस बार मौत की वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बनी है। जॉर्डन और ट्यूनीशिया समेत कई देशों ने कहा है कि उनके कुछ यात्रियों की मौत मक्का के पवित्र स्थलों पर पड़ने वाली गर्मी के कारण हुई। सऊदी हज अधिकारियों के अनुसार, 2024 में 18.3 लाख से अधिक मुसलमानों ने हज किया, जिसमें 22 देशों के 16 लाख से अधिक लोग और सऊदी के 2,22,000 नागरिक और निवासी शामिल थे।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।