जबलपुर के फ्लाईओवर की दरारों की जांच करने पहुंची टीम
मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज को लेकर उठे विवादों के बाद आज लोक निर्माण विभाग की टीम ने आज जबलपुर पहुंचकर जायजा लिया।

- पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव मंडलोई ने कहा,
- दरारें तकनीकी जांच का हिस्सा,
- कांग्रेस के आरोपों के बाद बनी थी जांच कमेटी
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज को लेकर उठे विवादों के बाद आज लोक निर्माण विभाग की टीम ने आज जबलपुर पहुंचकर जायजा लिया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि ब्रिज में कोई संरचनात्मक या डिज़ाइन की समस्या नहीं है और रोटरी में आई दरारें असर में एक्सपेंश ज्वाइंट है। इसे लेकर तकनीकी टीम से जाँच कर रही है।
सोशल मीडिया में वायरल हुईं तस्वीरें-
बता दें कि हाल ही में फ्लाईओवर के निर्माण में अनियमितता की शिकायतें सामने आई थी और कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थी जिसमें बताया जा रहा था कि निर्माण के दौरान ही उसमें दरारें आ रही हैं। इसे लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर आरोप लगाए थे। इसके बाद मामले की जाँच के लिए विभाग के मंत्री द्वारा एक कमेटी बनाई गई थी, जो पंद्रह दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
विवादों में फ्लाईओवर ब्रिज-
मध्य प्रदेश के जबलपुर में 800 करोड़ की लागत से बनने वाला फ्लाईओवर उद्घाटन से पहले ही विवादों में आ चुका है। पिछले दिनों इसमें आई दरारों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। निर्माण में घटिया गुणवत्ता और लापरवाही को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी की थी। इसके बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस मामले को लेकर जाँच कमेटी बनाई थी। गुरुवार सुबह लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि ये मध्य प्रदेश का बहुत बड़ा और अनोखा प्रोजेक्ट है। पीडब्ल्यूडी को इसमें बहुत सीखने को भी मिला है और इसके निर्माण में बहुत सारी नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि ये ब्रिज अपनी पूर्णता की ओर है और जल्द ही इसका लोकार्पण होगा।
चिंता की कोई बात नहीं, जल्दी पूरा होगा काम-
पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि काम बहुत तेज गति से चल रहा है, इसका पार्ट 2 सेंक्शन (दमोह नाका और आधारताल) वो भी जल्द पूरा होगा। जहां तक इस रोटरी के फोटोग्राफ्स की बात है, वो एक तकनीकी मामला है। लेकिन ब्रिज की सुरक्षा, ब्रिज की मजबूती, ब्रिज की डिजाइन के संबंध में कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है। लेकिन जो आमतौर से देखने पर लगता है कि इतना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, उसका सौंदर्यीकरण भी होना चाहिए। रोटरी ऐसी चीज़ है जो बाहर होती है और सर्दी-गर्मी में ये एक्सपेंड होती है और इस कारण उसमें गैप आ जाता है। उसका हम तकनीकी टीम से परीक्षण करा रहे हैं कि ये किसी तरह की परेशानी का कारण नहीं बने। लेकिन इसमें कोई स्ट्रक्चरल या डिज़ाइन का कोई इशू नहीं है। रोटरी बनने के बाद जिन दरारों की बात हो रही है उसे हम कैसे बेहतर बना सकते हैं, ये देखा जा रहा है। इस पूरे मामले का तकनीकी टीम परीक्षण कर रही है। उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर ब्रिज का एक हिस्सा अगले महीने फरवरी तक तैयार हो जाएगा और बाकी हिस्सा इस साल में पूरा किया जाएगा।