दुनियाभर में सता रहा एक और वायरस का खतरा

पूरी दुनिया साल 2020 से कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। ये वायरस अब तक 70 करोड़ से अधिक लोगों जान ले चूका है। कोरोनावायरस के बाद मंकीपॉक्स ने भी वैश्विक स्तर पर मरीजों की संख्या बढ़ा दी है।

Sep 30, 2024 - 15:56
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दुनियाभर में सता रहा एक और वायरस का खतरा
The threat of another virus haunting the world

मारबर्ग वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ का अलर्ट जारी 

पूरी दुनिया साल 2020 से कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। ये वायरस अब तक 70 करोड़ से अधिक लोगों जान ले चूका है। कोरोनावायरस के बाद मंकीपॉक्स ने भी वैश्विक स्तर पर मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। इन दिनों मंकीपॉक्स बड़ी परेशानी बना हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस वायरस के भारत में अब तक तीन मरीज सामने आ चुके हैं। कोरोना और मंकीपॉक्स के जारी जोखिमों के बीच अब एक नया संक्रामक रोग स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रहा है।

मारबर्ग वायरस का प्रकोप-

इन दिनों पूर्वी अफ्रीका के देश रवांडा में  मारबर्ग वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। इस वायरस की चपेट में अब तक 26 लोग आ चुके है और छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 30 जिलों में से सात में वायरस के मामले सामने आए हैं। 26 लोगों में से बीस लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें  आइसोलेशन में रखा गया हैं। संक्रमित लोगों के संपर्क में आए करीब 160 लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है।

88 फीसदी तक है मृत्यु दर-

मारबर्ग वायरस को कई पैमानों के चलते काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, इसकी मृत्यु दर 88 फीसदी तक है जो कि विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चिंता बना हुआ है। ये वायरस इबोला फैमिली का माना जा रहा है, जिसके मामले पहले भी दर्ज किए जाते रहे हैं। कोरोनावायरस की ही तह यह भी चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमित व्यक्तियों के शरीर के द्रव के संपर्क में आने से वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का जोखिम होता है। डब्ल्यूएचओ ने वायरस के प्रसार को रोकने और संक्रमितों में जटिलताओं को कम करने के लिए सभी से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषज्ञों ने कहा, नैदानिक देखभाल और संक्रमण की रोकथाम- नियंत्रण पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक , इस वायरस के लिए अभी तक न तो कोई विशिष्ट उपचार है और न ही इसको रोकने के लिए कोई टीका। दवाओं और प्रतिरक्षा उपचार की एक श्रृंखला विकसित की जा रही है। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उपायों के साथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सोशल डेंस्टेंसिंग का पालन करते रहने की सलाह दी गई है। 

मारबर्ग वायरस के संक्रमण के लक्षण-

मारबर्ग वायरस के चलते होने वाली बीमारी में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और बदन दर्द जैसी दिकत्तो का सामना करना पढ़ता है। बीमारी बढ़ने के साथ दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, मतली-उल्टी की समस्या होने का भी खतरा रहता है। बीमारी की गंभीर स्थिति में आंखों के धंस जाने और अत्यधिक सुस्ती के साथ त्वचा पर दाने-छाले निकल सकते हैं। अफ्रीकी देशों में डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती ने कहा, हम रवांडा को इस वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद करने के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। लोगों में इस वायरस के संक्रमण को लेकर जागरूकता बढ़ाने से इसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है। जिस गति से ये वायरस अफ्रीकी देशों में बढ़ रहा है, हम इसे बड़े खतरे के तौर पर देख रहे हैं। सभी देशों को इसको लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है।