लॉन्च हुआ दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा
वेरा सी. रुबिन ऑब्जर्वेटरी में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा इंस्टॉल किया गया है, जिसका उपयोग खगोलीय घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा।

- खगोलीय घटनाओं पर राखी जाएगी नजर,
- खगोलीय घटनाओं पर रखेगा निगरानी
वेरा सी. रुबिन ऑब्जर्वेटरी में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा इंस्टॉल किया गया है, जिसका उपयोग खगोलीय घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। इस कैमरे का जूम इतना शक्तिशाली है कि इससे दूर स्थित ग्रहों और आकाशगंगाओं को भी देखा जा सकता है। इसे लॉर्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप (LSST) भी कहा जाता है, और यह अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल इमेजिंग उपकरण है। इसके माध्यम से अगले 10 वर्षों तक दक्षिणी ध्रुव की दिशा में आकाश का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।
यूनिवर्स के टाइम लैप्स को करेगा रिकॉर्ड-
इस कैमरे का उद्देश्य ब्रह्मांड के टाइम लैप्स को रिकॉर्ड करना है। इसे सफलतापूर्वक सिमोनयी सर्वे टेलीस्कोप पर इंस्टॉल किया गया है, और जल्द ही इसकी फाइनल टेस्टिंग की जाएगी, जिसके बाद यह पूरी तरह से संचालन में आ जाएगा। इस कैमरे को इंस्टॉल करने में अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) और डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी (DOE) का वित्तीय सहयोग रहा है।
इमेज डिस्प्ले के लिए लगेगा 400 अल्ट्रा एचडी (UHD) टीवी-
यह LSST कैमरा रातों में पूरा आकाश स्कैन करेगा और उच्च गुणवत्ता वाली इमेज कैप्चर करेगा। इसके जूम की क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके द्वारा ली जाने वाली इमेज को डिस्प्ले करने के लिए 400 अल्ट्रा एचडी (UHD) टीवी की जरूरत होगी। यह डिजिटल कैमरा सुपरनोवा, एस्टेरॉइड्स और पल्सेटिंग तारों की तस्वीरें लेने में सक्षम होगा, जिससे खगोलशास्त्रियों को खगोलीय घटनाओं के बारे में नई जानकारी मिल सकेगी।
खगोलशास्त्री वेरा रुबिन के नाम पर रखा आया-
यह ऑब्जर्वेटरी खगोलशास्त्री वेरा रुबिन के नाम पर रखी गई है, जिन्होंने अपने सहकर्मी केंट फोर्ड के साथ यह पाया था कि गैलेक्सियां उस गति से नहीं घूमतीं, जैसे कि गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों के अनुसार होनी चाहिए। इससे यह संकेत मिलता है कि गैलेक्सियों को डार्क मैटर प्रभावित कर रहा है, और यह कैमरा इस डार्क मैटर के प्रभावों को मापने में भी मदद करेगा।