पंजाब में कोई बदलाव नहीं, आप की बैठक में हुई तस्वीर साफ

आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बढ़ते असंतोष की अफवाहों के बीच, पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और विधायकों के साथ एक बैठक की।

Feb 11, 2025 - 16:22
 11
पंजाब में कोई बदलाव नहीं, आप की बैठक में हुई तस्वीर साफ
There is no change in Punjab, the picture became clear in the AAP meeting

आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बढ़ते असंतोष की अफवाहों के बीच, पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और विधायकों के साथ एक बैठक की। इस बैठक के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में विधायकों के कार्यों के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जनता की भलाई के लिए काम कर रही है और दिल्ली में पिछले 10 सालों में जो कार्य हुए हैं, वह इस राज्य में भी लागू किए जाएंगे। मान ने यह भी कहा कि पंजाब को एक ऐसे मॉडल राज्य में बदलने की योजना है, जिसे पूरा देश देखेगा और गर्व करेगा।

आदर्श राज्य बनाना की कवायद-

बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि पंजाब को एक आदर्श राज्य बनाने के लिए अगले दो सालों में काम किया जाएगा। मान ने बताया कि उनकी पार्टी काम के लिए जानी जाती है और पंजाब में 50 हजार से ज्यादा नौकरियां दी जा चुकी हैं। बैठक के बाद, आप विधायक अशोक पराशर ने स्पष्ट किया कि पंजाब में कोई बदलाव नहीं होगा और भगवंत मान एक जमीनी नेता हैं। वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। उनका कहना था कि केजरीवाल ने विधायकों की बैठक बुलाई है ताकि भगवंत मान को नाकाम साबित किया जा सके और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा सके।

बीजेपी ने उठाया था सवाल, सीएम बनना चाह रहे केजरीवाल-

बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अब यह महसूस हुआ है कि पंजाब के विधायकों में असंतोष बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री भगवंत मान स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में भगवंत मान का मुख्यमंत्री बने रहना और आप सरकार का बने रहना बहुत मुश्किल हो सकता है। बीजेपी सांसद संजय जयस्वाल ने आप पार्टी को अराजकतावादी करार देते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत को वापस पाने के लिए विधायकों को बुलाकर यह दिखाना चाहते हैं कि उनकी पार्टी पर अभी भी उनका नियंत्रण है।