जंगल की जमीन में कटाई नहीं हो रही, हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किया जवाब

जंगल को तबाह कर जमीन में कब्जा करने वालों को सरकार द्वारा कृषि व आवासीय पट्टा दिए जाने के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जंगल के काटे जाने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है।

Sep 13, 2024 - 15:42
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जंगल की जमीन में कटाई नहीं हो रही, हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किया जवाब
There is no felling of forest land, government presented its reply in High Court

जंगल को तबाह कर जमीन में कब्जा करने वालों को सरकार द्वारा कृषि व आवासीय पट्टा दिए जाने के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जंगल के काटे जाने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी की तरफ से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि जंगल की कटाई पूरी तरह से बंद हो गई है। सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति पेश की गई। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ ने याचिकाकर्ता को सरकार के जवाब पर रिज्वाइंडर पेश करने की मोहलत देते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। बुरहानपुर निवासी पाडुरंग सहित अन्य पांच कृषक की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि जिले में स्थित जंगलों को काटकर उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। अवैध कब्जा करने वालों लोगों को सरकार द्वारा उक्त जमीन का कृषि व आवासीय पट्टा प्रदान किया जा रहा है। जंगल के काटे जाने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। जंगल के काटे जाने से वन्य प्राणियों के जीवन भी खतरे में है। याचिका में कहा गया था कि जंगलों को बचाने के लिए साल 2001 में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कमेटी गठित की थी। कमेटी ने साल 2003 में अपनी अनुशंसाओं की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। कमेटी द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में अलमारी में बंद कर रख दिया गया है।