सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता

मंडला की गलियों में क्रिकेट खेलने वाली शुचि उपाध्याय का भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयन हुआ है।

Apr 10, 2025 - 15:29
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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता
There is no shortcut to success

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाली मंडला की बेटी शुचि उपाध्याय ने बताया कामयाबी का मंत्र

जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले मंडला जैसे छोटे से आदिवासी बाहुल्य जिले से निकलकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना किसी सपने से काम नहीं है लेकिन अपने संघर्ष और मेहनत से इस सपने को सच कर दिखाया है शुचि उपाध्याय ने। मंडला की गलियों में क्रिकेट खेलने वाली शुचि उपाध्याय का भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयन हुआ है। महज 20 साल की उम्र में अपने बाएं हाथ की फिरकी गेंदबाजी के दम पर शुचि श्रीलंका में होने वाली ट्राई सीरीज के लिए चुनी गई हैं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में शुचि अपनी फिरकी गेंदबाजी का करिश्मा दिखाएंगी।

12 साल की उम्र में शुरू किया खेलना, 20 की उम्र में राष्ट्रीय टीम में चयन - 

भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बन शुचि उपाध्याय ने 12 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था, मंडला जिले के महात्मा गांधी मैदान पर लड़कों के ओपन टूर्नामेंट में जब शुचि ने अपनी फिरकी गेंदबाजी का जौहर दिखाया तो हर कोई देखता ही रह गया। उसके बाद उसने आगे बढ़ने की ठानी और एक के बाद एक कई प्रतियोगिताओं में उसने शानदार खेल का प्रदर्शन किया। 

जबलपुर में निखरी शुचि की प्रतिभा -

मंडला के बाद शुचि अपने हुनर को निखारने के लिए जबलपुर पहुंची और यहां पर उसने अनुभवी क्रिकेटरों और प्रशिक्षित कोचों के जरिए मार्गदर्शन प्राप्त किया। भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के बाद जबलपुर के प्रशिक्षकों और साथी खिलाड़ियों ने उसका गर्मजोश स्वागत भी किया, यहां तक कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी शुचि की इस सफलता के लिए बधाई दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

जिसे खेलना है तो फटे जूते में भी खेल सकता है -

कठोर अभ्यास और अपनी धुन की पक्की शुचि उपाध्यक्ष महज 20 साल की उम्र में ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुकी है, अपनी इस इस कामयाबी के पीछे शुचि का कहना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, मेहनत का रिजल्ट एक न एक दिन जरूर मिलता है। पिछड़े और आदिवासी जिले से ताल्लुक रखने वाली शुचि का कहना है कि उसके मंडला जिले में भले ही साधन संसाधन सीमित थे लेकिन जिसे खेलना होता है तो वह फटे जूते में भी खेल सकता है। भारतीय क्रिकेट टीम का हिसाब बनने वाली शुचि को विराट कोहली की बल्लेबाजी और रविंद्र जडेजा की बॉलिंग ने खासा प्रभावित किया है।