अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं, बजट सत्र के तीसरे दिन राहुल गांधी ने कहा
संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था।

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया की जो बात की,वह एक अच्छा आइडिया है, लेकिन वे असफल रहे हैं।
अभिभाषण सुनने संघर्ष करना पड़ा-
राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना, राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, जो कहा जा रहा था। पहले भी लगभग यही अभिभाषण सुना है, यह वही चीजें हैं, जो सरकार ने की हैं। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति का वह अभिभाषण नहीं है, जिसकी मुझे उम्मीद थी। मेरे मन में सवाल आया कि इंडिया गठबंधन की सरकार होती तो राष्ट्रपति का अभिभाषण कैसा होता। इस देश का भविष्य भारत के युवाओं द्वारा तय किया जाएगा। मेरा मानना है कि हमें जो भी बात करें, उसे हमेशा युवाओं को ध्यान में रखते हुए ही कहना चाहिए।
डेटा पर काम करता है एआई -
राहुल गांधी ने कहा कि लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि एआई डेटा के ऊपर काम करता है। डेटा के बिना एआई का मतलब कुछ भी नहीं है। वर्तमान में, धरती पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण से जुड़ा अधिकांश डेटा चीन के नियंत्रण में है, जबकि खपत डेटा संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है। इस क्षेत्र में चीन, भारत से कम से कम 10 साल आगे है। चीन पिछले एक दशक से बैटरियां, रोबोट, मोटर्स और ऑप्टिक्स जैसी तकनीकों पर लगातार काम कर रहा है।
विदेश नीति को लेकर भी सरकार को घेरा-
विदेश नीति पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा किप्रधानमंत्री को बुलाने के न्यौते के लिए अपने विदेश मंत्री को अमेरिका नहीं भेजते। इस पर किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी ने माफी मांगते हुए कहा कि यदि उनकी बातों से किसी को परेशानी हुई हो तो वे माफी चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) 400 पार कह रहे थे और कह रहे थे कि आप संविधान बदल देंगे। फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और फिर उन्हें संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था। मुझे पता है कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया।
वोटर बढ़ने पर उठाए सवाल-
राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच कुछ महीनों के दौरान राज्य में हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी के बराबर नए मतदाता जुड़ गए हैं। ऐसे में उनका मानना है कि निर्वाचन आयोग को प्रदेश के विपक्षी दलों को मतदाता सूची से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन आयोग को इस पर जवाब देना चाहि। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े कुछ डेटा देखें तो पता चलेगा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच, हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के बराबर लोगों को महाराष्ट्र की मतदान सूची में जोड़ा गया। लगभग 70 लाख नए वोटर अचानक आ गए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जितने वोटर पांच साल में नहीं जुड़े, उससे ज्यादा वोटर पांच महीने में जुड़ गए। राहुल गांधी ने दावा किया कि शिरडी की एक इमारत में 7,000 वोटर जोड़े गए...दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जुड़े जहां भाजपा को बढ़त मिली।