विज्ञान पर इतना भरोसा कि आने वाले दिनों में संभव होगा पुर्नजीवित होना
विज्ञान की खोजों और अविष्कार के बाद मानव जीवन लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है। पिछले कई दशकों को हम हम सभी कहां से कहां पहुंच चुके हैं।
अमेरिका में अरबपति लोग अभी से ही करवा अपनी बॉडी को प्रिजर्व, तकनीक आई तो हो सकेंगे जिंदा
विज्ञान की खोजों और अविष्कार के बाद मानव जीवन लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है। पिछले कई दशकों को हम हम सभी कहां से कहां पहुंच चुके हैं। अब यह भी अनुमान लगाया जाने लगा है कि भविष्य में रिसर्चर्स ऐसी तकनीक विकसित कर लेंगे, जिसकी मदद से मरे हुए लोगों को फिर से जिंदा किया जा सकेगा। अमेरिकी अरबपतियों में भी इस तरह की धारणाएं विकसित होने लगी हैं। इस सपने को सच करवाने के लिए अमेरिकी अरबपति एक खास पद्धति क्रायोप्रिजर्वेशन को अपना रहे हैं। आज जानते हैं कि आखिर क्या है क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक।
अपनी बॉडी को क्रायोप्रिजर्वेशन कराने की होड़ में पे पाल के फाउंडर भी शामिल
क्रायोप्रिजर्वेशन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें शवों को बहुत ही कम तापमान पर लंबे समय के लिए रखा जाता है। अरबपति इस उम्मीद में यह तकनीक अपना रहे हैं कि निकट भविष्य में कोई ऐसी तकनीक आएगी, जिससे उन्हें नया जीवन मिल सकेगा। एक रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर में करीब 500 लोगों ने अपनी बॉडी को इस तकनीक के माध्यम से सुरक्षित रखवाया है। इनमें से अधिकांश लोग अमेरिका के हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के करीब 5500 लोग अपनी बॉडी को प्रिजर्व कराने के लिए विचार कर रहे हैं। हाल ही में पे पाल के को-फाउंडर पीटर थील ने अपनी बॉडी को क्रायोप्रिजर्व कराने का निर्णय लिया है।
-196 डिग्री पर रखी जाती है बॉडी
क्रायोप्रिजर्वेशन में बॉडी को ऐसी स्थिति में ले जाया जाता है, जहां बॉडी में सड़न न हो और जैविक गतिविधियां रुक जाएं। इसके बाद बॉडी को विट्रीफिकेशन प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इसमें बॉडी के खून को एक विशेष प्रकार के सॉल्यूशन से बदला जाता है। ताकि बर्फ के क्रिस्टल न बन सकें। बर्फ के क्रिस्टल बनने से बॉडी की कोशिकाएं व ऊतक खराब हो सकते हैं। विट्रीफिकेशन के बाद बॉडी को -196 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर ले जाया जाता है। इसके बाद बॉडी को लिक्विड नाइट्रोजन से भरे वैक्यूम इंसुलेटेड कंटेनर में रख भविष्य के लिए स्टोर किया जाता है।
प्रिजर्व बॉडी का ध्यान रखने के लिए भी बनी है ट्रस्ट
अमेरिका का एल्कोर लाइफ एक्सटेंशन फाउंडेशन पूरी बॉडी को प्रिजर्व करने के करीब 1 करोड़ 67 लाख रुपए चार्ज करता है। सिर्फ ब्रेन को प्रिजर्व कराने के लिए 66 लाख रुपए देने होते हैं। साथ ही इस फाउंडेशन ने एक रिवाइवल ट्रस्ट भी बना रखा है। इस ट्रस्ट के माध्यम से फिर से जिंदा होने की कामना करने वाले लोगों के लिए रुपयों का मैनेजमेंट किया जाता है। इन रुपयों से प्रिजर्व बॉडी की देखभाल भी जाती है। बताया जा रहा है कि बॉडी के पुनर्जीवित होने पर कुछ राशि उन्हें भी दी जाएगी। मिशिगन के एक रिटायर्ड हॉस्पिटल एग्जीक्यूटिव कहते हैं कि मैं इस समस्या का समाधान चाहता हूं इसलिए फाउंडेशन तो 83 लाख रुपए की मदद करने जा रहा हूं।
- 1 करोड़ 67 लाख है बॉडी प्रिजर्वेशन का चार्ज।
- 66 लाख रुपए है सिर्फ ब्रेन प्रिजर्व कराने का चार्ज।
- 500 लोग अब तक करा चुके हैं अपनी बॉडी प्रिजर्व।