15 प्रतिशत कमीशन के लिए बैंक खातों का करते थे सौदा, साइबर ठगी के लिए दो भाई बनाते थे मायाजल
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक बड़े ऑनलाइन ठगी के मामले का पर्दाफाश किया।

भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक बड़े ऑनलाइन ठगी के मामले का पर्दाफाश किया। टीम ने राजस्थान के भीलवाड़ा से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर 68 लाख रुपये की ठगी में शामिल थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विशाल भट्ट (25) और यशपाल भट्ट (21) के रूप में हुई है, जो आपस में भाई हैं।
इन दोनों आरोपियों का काम विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों को बैंक खाते उपलब्ध कराना था। इस मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के अनुसार, भोपाल के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसे एक व्यक्ति ने खुद को FedEx का कर्मचारी बताकर कॉल किया और बताया कि उसके नाम से मुंबई से ताइवान के लिए ड्रग्स से भरा पार्सल भेजा गया है। इसके बाद एक अन्य शख्स ने स्काइप कॉल पर खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डीसीपी बताकर वीडियो कॉल की। ठगों ने उसे 'डिजिटल अरेस्ट' का झांसा देकर मानसिक दबाव में रखा और उससे 68 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
लेनदेन पर कमीशन की व्यवस्था भी इस साइबर ठगी का अहम हिस्सा थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि फर्जी बैंक खाता राजस्थान के सवाई माधोपुर निवासी राजेंद्र कुमार मीणा के नाम पर था। इसी सुराग के आधार पर पुलिस भट्ट भाइयों तक पहुंच सकी और उनकी भूमिका का खुलासा हुआ। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बीते चार वर्षों में करीब 150 बैंक खाते बेचे हैं। ये खाते फर्जी दस्तावेजों और झूठे पते का उपयोग करके खोले गए थे। इन्हें अक्सर दलालों के जरिये साइबर अपराधियों को बेचा जाता था। बदले में उन्हें क्रिप्टोकरेंसी, खासतौर पर USDT के रूप में भुगतान किया जाता था। ठगों द्वारा इन खातों के जरिए किए गए लेनदेन पर उन्हें 10 से 15 प्रतिशत तक का कमीशन मिलता था।