घर में बैठकर तैयार करते थे फर्जी रजिस्ट्री, अब तक नौ गिरफ्तार
खुद को हाईटेक और अपडेट करार देने के बीच फर्जी रजिस्ट्री के जरिए 10 करोड़ के लोन का खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने मामले में अब तक नौ आरोपियों को दबोच लिया है और जांच जारी है। इस मामले में बैंक मैनेजर सहित अन्य की भूमिका संदिग्ध है।
एसटीएफ ने कसा शिकंजा, बैंक स्टाफ के साथ मिलकर लगाया करोड़ों का चूना, फर्जी रजिस्ट्री, नकली सील जब्त
जबलपुर।
खुद को हाईटेक और अपडेट करार देने के बीच फर्जी रजिस्ट्री के जरिए 10 करोड़ के लोन का खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने मामले में अब तक नौ आरोपियों को दबोच लिया है और जांच जारी है। इस मामले में बैंक मैनेजर सहित अन्य की भूमिका संदिग्ध है। उल्लेखनीय है कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पंकज श्रीवास्तव द्वारा संगठित अपराध करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। जिस पर एसटीएफ जबलपुर एसपी राजेश सिंह भदौरिया और उप-पुलिस अधीक्षक संतोष तिवारी ने टीम का गठन किया गया।
-जब असली मालिक प्रकट हुआ
एसटीएफ की जबलपुर इकाई के पास सुमित काले ने शिकायत की, कि एक गिरोह द्वारा बैंक में मिलीभगत कर उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर लाखों रुपए का लोन लिया गया है। मामले की जांच निरीक्षक निकिता शुक्ला को सौंपी गई। जांच के दौरान टीम ने हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कम्पनी में सम्पर्क किया। वहां से रजिस्ट्री जब्त की गई। इन रजिस्टी की जांच कलेक्ट्रट कार्यालय से कराई गईं। जहां से इसकी पुष्टि हुई कि हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा जिन रजिस्ट्री के आधार पर लोन दिया गया है, वह असल में सुमित काले के नाम पर हैं,लेकिन बैंक में गिरवी रखने के लिए उन्हें कूटरचित तरीके से तैयार किया गया है। मामले में एसटीएफ नेधारा 255., 260, 419, 420 468, 471, 120-बी के तहत अपराध दर्ज किया गया।
कैसे जुड़े तार से तार-
जांच टीम ने जब विकास तिवारी को पकड़ा,तब इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। विकास तिवारी लोगों को बैंकों से होम लोन दिलाने का काम करता था। विकास लोगों की असली रजिसट्ी लेता था। जिसके बाद यह रजिस्ट्री संदीप चौबे के जरिए अनीश के पास पहंचती थीं। अनीष दस्तावेजों को कलेक्टेट कार्यालय में लगभग 15 सालों से दलाली करने वाले अनवर के पास पहुंचाता था। अनवर असली रजिस्ट्री लखनलाल के स्टूडियो में फोटोशॉप के माध्यम से फर्जी रजिस्टी तैयार कराता था। इसके बाद,अनवर ही उनमें उप-पंजीयक की फर्जी सील लगाता था। जिसके बाद सभी आरोपी मिलकर बैकों में उक्त रजिस्ट्ी को गिरवी रख लोन लेते थे।
बैंक मैनेजर और कर्मचारी भी शामिल -
जाँच के अनुसार,इस गिरोह में एक्सिस बेंक का पूर्व मैनेजर अनुभव दुबे भी शामिल था। अनुभव उक्त आरोपियों से मिलीभगत कर अपने बैंक में लोगों के नाम के फर्जी बैंक एकाउंट खोलता था। इसी बैंक एकाउंट में फर्जी रजिस्ट्री पर दिए गए लोन की राशि आती थी। अनुभव दुबे ने प्रवीण काले की असल जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडिया सेल्टर हाउसिंग फायनेंस से लोन लिया था। गिरोह में बैंक का कर्मचारी पुनीत उर्फ राहुल पांडे भी शामिल था, जो अधिकारियों से मिलीभगत कर गिरोह की मदद करता था व जना बैंक से 6 फर्जी रजिस्ट्री पर लगभ 1 करोड़ का लोन लिया गया।
प्रवीण पांडे बनता था एकाउंट होल्डर-
मामले की जांच में टीम ने प्रवीण पांडे उर्फ सोनू को पकड़ा। ये वो आरोपी है जिसे अलग-अलग नामों से बैंक में पेश कर फर्जी बैंक एकाउंट खुलवाया जाता था। आरोपी ने सुमित काले और शेख सलीम बनकर बैंक एकाउंट खुलवाए थे। जिसमें फर्जी आधार कार्ड और पेनकार्ड का उपयोग किया गया था।
-इन पर कसा है शिकंजा
गिरफ्तार आरोपियों में विकास तिवारी पिता सुनील तिवारी उम्र 30 वर्ष निवासी मकान नं. 1504/1 आजाद नगर गोकलपुर वार्ड थाना रांझी जिला जबलपुर, संदीप चौबे पिता अशोक कुमार चौबे उम्र 34 वर्ष निवासी अनमोल सिटी घाना थाना खमरिया, मोहम्मद अनीस अहमद पिता मो. इदरीश उम्र 38 वर्ष पता शिवपुर मऊ जिला चित्रकूट उप्र, अनवर ऊर्फ अन्नू पिता मोहम्मद हनीफ उम्र 49 वर्ष , निवासी मोतीनाला हास्पिटल के पास, थाना हनुमानताल, जबलपुर, प्रवीण पाण्डेय पिता एसपी पाण्डेय उम्र 41 वर्ष निवासी व्हीएफजे.स्टेट, गंगा मईया, राधाकृष्ण स्कूल के पास थाना रांझी, जबलपुर, लकी उर्फ लखन प्रजापति पिता स्व. प्रेमलाल प्रजापति उम्र 34 साल निवासी 1812 लालमाटी, गोपाल होटल, सिंधी धरम शाला के पीछे जबलपुर, थाना घमापुर, जबलपुर, राजेश डहेरिया पिता रामचरण डहेरिया उम्र 37 साल निवासी बबरिया तालाब, शिव कॉलोनी ग्राम मानेगांव, सिवनी, अनुभव दुबे पिता अरविंद कुमार दुबे उम्र 27 साल निवासी फ्लेट नं.310 जी ब्लॉक, दत्त टाउन शिप, 8 तिलहरी जबलपुर व पुनीत उर्फ राहुल पाण्डेय पिता बाबू लाल पाण्डेय उम्र 31 वर्ष निवासी म.न.6/04 टीआईटी 9 बिल्डिंग पुलिस लाईन काँचघर कुंछबंधिया मौहल्ला थाना घमापुर जबलपुर शामिल हैं।
नकली सील व मोबाइल जब्त-
वहीं आरोपियों और बैंक से 10 फर्जी रजिस्ट्रियां, 4 पेन कार्ड/ आधार कार्ड, नकली सील, आरोपियो के मोबाइल, फर्जी रजिस्ट्री बनाने में प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा इस गिरोह द्वारा विभिन्न बैंकों से लगभग 1.75 करोड़ का लोन का खुलासा हुआ। गिरफ्तार करने में निरीक्षक निकिता शुक्ला, विनय कोरी, अंजनी पाठक, राहुल रघुवंशी, गोवंद सूर्यवंशी, राहुल रजक, प्रभात सिंह बघेल,ओमप्रकाश, प्रवीण बावरिया, नीलेश दुबे एवं रूपेश राय की भूमिका रही है।