जो डर गए वे हिंदू नहीं रहे, जो डरे नहीं वे अब भी हिंदू हैं- हरिभाऊ बागड़े
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने हाल ही में झुंझुनूं में दिए गए एक बयान में धर्मांतरण और लव जिहाद के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लड़कियों को किसी भी तरह की टेढ़ी नजर से देखने पर उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और अगर ऐसा हो तो "ईंट का जवाब पत्थर से" देना चाहिए। राज्यपाल ने यह भी कहा कि जो लोग डरकर दूसरे धर्म में गए, वे अब हिंदू नहीं रहे, जबकि जो नहीं डरे, वे आज भी हिंदू हैं।

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने हाल ही में झुंझुनूं में दिए गए एक बयान में धर्मांतरण और लव जिहाद के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लड़कियों को किसी भी तरह की टेढ़ी नजर से देखने पर उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और अगर ऐसा हो तो "ईंट का जवाब पत्थर से" देना चाहिए। राज्यपाल ने यह भी कहा कि जो लोग डरकर दूसरे धर्म में गए, वे अब हिंदू नहीं रहे, जबकि जो नहीं डरे, वे आज भी हिंदू हैं।
हिंदूवादी संगठनों से जुड़ना गलत नहीं
उन्होंने अजमेर के विजयनगर में हुई ब्लैकमेलिंग की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें जिन लड़कियों को निशाना बनाया गया था, वे हिंदूवादी संगठनों से जुड़ी थीं। राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदूवादी संगठनों से जुड़ना कोई गलत बात नहीं है और अगर किसी को इसका निशाना बनाया जाएगा, तो उनका संगठन भी चुप नहीं बैठेगा और वे भी विरोध करेंगे।
केसरिया रंग से परेशानी है, तो सोच बदलें
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने एक बयान में कहा कि राजस्थान वीरता की भूमि है, और जिन लोगों ने डर के कारण दूसरे धर्म को अपनाया, वे अब हिंदू नहीं रहे। वहीं, जो नहीं डरे, वे आज भी हिंदू हैं। उन्होंने केसरिया रंग के बारे में भी बात की और कहा कि अगर किसी को इस रंग से आपत्ति है, तो उन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए। उनके अनुसार, भारत में केसरिया रंग शक्ति, त्याग, सभ्यता, शौर्यता और धर्म का प्रतीक है।
इससे पहले, राज्यपाल के स्कूल पहुंचने पर स्कूल सचिव बीएल रणवां और अन्य अतिथियों ने उनका स्वागत किया।
लड़कियों को हिम्मत बढ़ाने की है जरूरत
कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने सख्त लहजे में कहा कि सभी लड़कियों को हिम्मत बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि कोई उनकी तरफ टेढ़ी नजर से देखे, तो उसे जवाब देना चाहिए और कहना चाहिए कि हम इसे सहन नहीं करेंगे। उन्हें यह ताकत होनी चाहिए कि वह किसी को भी चुनौती दे सकें। राज्यपाल ने अजमेर में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि ऐसे मामलों में हम चुप नहीं बैठेंगे और जवाब देंगे।
बच्चों को मशीन बना दिया है
इसके साथ ही राज्यपाल ने यह भी चिंता जाहिर की कि हमने बच्चों को मशीन बना दिया है, जिसके कारण हम अच्छे इंजीनियर और डॉक्टर नहीं बना पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में हर साल 15 लाख युवा इंजीनियर बनते हैं, लेकिन उनमें से केवल 1 प्रतिशत युवा ही अच्छे जॉब्स हासिल कर पाते हैं, क्योंकि उन्होंने डिग्री के साथ-साथ कौशल का भी विकास किया है। राज्यपाल ने कहा कि हमें अब टैलेंट और कौशल की दिशा में ध्यान देना होगा।