एक ट्रैक पर एक ही नंबर की दो ट्रेनें दौड़ेंगी!

महाकुंभ में जाने वाले श्रृद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुये रेलवे अफसरान परेशान हो गये हैं। रेलवे ने लोगों को मुश्किलों से बचाने के लिए प्लान तैयार किया है कि एक ही नंबर की दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर दौड़ाई जाएं।

Jan 25, 2025 - 17:05
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एक ट्रैक पर एक ही नंबर की दो ट्रेनें दौड़ेंगी!
Two trains with the same number will run on one track!

महाकुंभ रूट पर बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करने रेलवे की कवायद शुरु

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। महाकुंभ में जाने वाले श्रृद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुये रेलवे अफसरान परेशान हो गये हैं। रेलवे ने लोगों को मुश्किलों से बचाने के लिए प्लान तैयार किया है कि एक ही नंबर की दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर दौड़ाई जाएं। चूंकि रेलवे के पास ट्रैक और समय सीमित है, इसलिए एक ही रूट पर एक ही समय में दो ट्रेन चलाई जाएंगी। एक ट्रेन के पीछे उसी नंबर की दूसरी ट्रेन चलेगी। इसके लिए न तो अतिरिक्त ट्रैक की जरूरत होगी और न ही समय में बदलाव करने की।

कोच बढ़ाना संभव नहीं

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज मंडल की सीमा से लगे जबलपुर रेल मंडल समेत अन्य रेल मंडल के स्टेशनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ते ही एक साथ दो ट्रेनों को चलाएगा। इनमें यात्री जनरल टिकट पर यात्रा कर सकेंगे।

जबलपुर रेल मंडल ने इसके लिए कटनी, मैहर और सतना स्टेशनों का चयन किया है, जो सीधे प्रयागराज रेल रूट से जुड़े हैं। इन स्टेशनों में बिलासपुर, भोपाल, नागपुर और मुंबई मंडल से आने-जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ पर नजर रखी जाएगी।

42 कोचों की होगी ट्रेन

एक ट्रेन में अधिकतम 24 कोच लगते हैं। इसमें निर्धारित संख्या में यात्री सफर कर सकते हैं। इससे अधिक कोच ट्रेन में नहीं जोड़े जा सकते। इस स्थिति में स्टेशन में आने वाली ट्रेन में बैठने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित क्षमता से एक से डेढ़ हजार अधिक होने पर तत्काल दूसरी ट्रेन, ठीक उसके पीछे, उसी रूट पर चला दी जाएगी। दोनों ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड के बीच समन्वय होगा। वहीं रेलवे कंट्रोल रूम भी ट्रेनों के बीच की दूरी, गति और ठहराव पर नजर रखेगा। यह जरूरी नहीं होगा कि पहली ट्रेन के गंतव्य तक ही दूसरी ट्रेन जाए।  

छोटी ट्रेन भी मददगार साबित होगी

रेलवे बोर्ड ने प्रयागराज के रेल रूट से सीधे जुड़े जबलपुर समेत सभी रेल मंडल को एक-एक अतिरिक्त रैक (नई ट्रेन) दी है। जबलपुर रेल मंडल का अतिरिक्त रैक सतना के कैमा स्टेशन में खड़ा किया गया है, जहां से कटनी, मैहर पहुंचना आसान होगा। खासतौर पर कटनी स्टेशन की भीड़ पर जबलपुर का रेलवे कंट्रोल रूम ज्यादा नजर रखेगा, क्योंकि यहां पर मुंबई, दक्षिण भारत की ट्रेनों का ठहराव है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।