अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर: बढ़ते तनाव के बीच व्हाइट हाउस का बड़ा फैसला

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, चीन को अब अमेरिका में अपने उत्पादों के निर्यात पर 245 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

Apr 16, 2025 - 16:33
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अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर: बढ़ते तनाव के बीच व्हाइट हाउस का बड़ा फैसला
US-China tariff war: White House takes a big decision amid rising tensions

चीन को करना पड़ेगा 245% टैरिफ का सामना, अमेरिका पर लगाया था 125% टैरिफ

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, चीन को अब अमेरिका में अपने उत्पादों के निर्यात पर 245 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा खनिजों और उनसे जुड़े उत्पादों के आयात पर अमेरिकी निर्भरता की जांच के आदेश के बाद उठाया गया है।

ट्रंप के टैरिफ एलान के बाद बढ़ा विवाद-

दस्तावेज में ट्रंप के उस बयान का जिक्र है जिसमें उन्होंने कहा था कि "महत्वपूर्ण विदेशी खनिजों पर अत्यधिक निर्भरता" अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा क्षमताओं और तकनीकी विकास के लिए खतरा है। इसके चलते उन्होंने सभी देशों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आदेश दिया है, जबकि उन देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा जिनसे अमेरिका को व्यापार घाटा है।

चीन पर विशेष सख्ती

चीन की ओर से की गई प्रतिक्रिया के जवाब में अमेरिका ने कड़ा रुख अपनाया है। जहां 75 से अधिक देशों ने अमेरिका से नए व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू कर दी है, वहीं चीन को छोड़कर बाकी देशों को फिलहाल इस जवाबी टैरिफ से राहत दी गई है। व्हाइट हाउस के अनुसार, चीन के प्रतिरोधात्मक रवैये के चलते वहां से आने वाले सामानों पर 245% तक आयात शुल्क लगाया जाएगा।

क्यों सख्त हुआ अमेरिका का रुख-

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि चीन ने हाल ही में अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी और अन्य उच्च तकनीकी सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी हैं। इतना ही नहीं, चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स और चुंबकों के निर्यात पर भी रोक लगाई है, जिससे ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर और रक्षा उद्योगों की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है।

‘टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं’- चीन

अमेरिका के नए टैरिफ निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को टैरिफ के सटीक आंकड़े स्पष्ट करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने अपनी स्थिति पहले ही साफ कर दी है – यह टैरिफ वॉर अमेरिका ने शुरू किया है और चीन केवल अपने हितों की रक्षा कर रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टैरिफ वॉर से कोई पक्ष विजेता नहीं बनता और चीन इससे डरता नहीं है। साथ ही, चीन संवाद और सहयोग की दिशा में काम करने को तैयार है।

टैरिफ वॉर की स्थिति-

2 अप्रैल 2025 से शुरू हुए इस व्यापार युद्ध में दोनों देशों के बीच रोजाना भारी टैरिफ लगाने की घोषणाएं हो रही हैं। पहले अमेरिका ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों को टैरिफ से छूट दी थी, जिसके बाद चीन ने 125% तक टैरिफ का एलान किया। अब अमेरिका ने यह बढ़ाकर 245% कर दिया है।

चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत भी दर्ज कराई है। चीन का कहना है कि बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन यह आपसी सम्मान और समानता के आधार पर होनी चाहिए। अगर अमेरिका इसी तरह टैरिफ बढ़ाता रहा, तो चीन अब उसे नजरअंदाज करेगा।