पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को अमेरिका का समर्थन
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का कड़ा जवाब दिया।

पाकिस्तानी पत्रकार को मिला सख्त जवाब
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का कड़ा जवाब दिया। जब पत्रकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर सवाल किया, तो ब्रूस ने साफ कहा कि अमेरिका का रुख पहले से स्पष्ट है—अमेरिका भारत के साथ है और हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है।
डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री पहले ही रख चुके अपना पक्ष-
टैमी ब्रूस ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो इस मामले में पहले ही अपना पक्ष साफ कर चुके हैं, और अमेरिका का यही स्टैंड कायम रहेगा। उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि अमेरिका उन आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के पक्ष में है। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
राष्ट्रपति ट्रंप की मोदी से बात-
इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। मोदी ने ट्रंप के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत इस "कायराना और अमानवीय हमले" में शामिल हर अपराधी और उसके समर्थकों को सज़ा दिलाकर रहेगा।
पहलगाम आतंकी हमला में 26 लोगों की मौत-
22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में, जिसे "मिनी स्विट्ज़रलैंड" कहा जाता है, आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इस हमले ने देशभर को झकझोर दिया।
पीएम मोदी का ऐलान आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आतंकियों और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उन्हें ढूंढ निकालेगा और कड़ी सज़ा देगा। उन्होंने कहा, "आतंकवाद भारत का मनोबल तोड़ नहीं सकता, हम उसे जड़ से मिटा देंगे।"
भारत की कड़ी कार्रवाई
भारत ने इस हमले के जवाब में कई अहम कदम उठाए:
- सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला
- राजनयिक संबंधों में कटौती
- 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वीजा रद्द
- पाकिस्तान में रह रहे भारतीय नागरिकों को जितनी जल्दी हो सके लौटने की सलाह
इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से चल रहे तनाव को और गहरा कर दिया है, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक रुख अपना चुका है—और इस बार कोई समझौता नहीं होगा।