ये टैटू देखकर समझ जाओ, मुझे 5 मर्डर करना था

जबलपुर के रेलवे मिलेनियम कॉलोनी हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित मुकुल की छाती में पुलिस को एक टैटू नजर आया। इसमें पांच खोपड़ी बनी थी। पुलिस ने जब पूछा तो आरोपी का जवाब सुनके उनके रोंगटे खड़े हो गए।

Jun 1, 2024 - 15:54
 20
ये टैटू देखकर समझ जाओ, मुझे 5 मर्डर करना था

जबलपुर के मिलेनियम कॉलोनी हत्याकांड मामले में मुकुल ने सरेंडर करने के बाद किए चौंकाने वाले खुलासे 

जबलपुर के रेलवे मिलेनियम कॉलोनी हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित मुकुल की छाती में पुलिस को एक टैटू नजर आया। इसमें पांच खोपड़ी बनी थी। पुलिस ने जब पूछा तो आरोपी का जवाब सुनके उनके रोंगटे खड़े हो गए। उसने बताया कि पांच खोपड़ी का मतलब पांच की हत्या। वह जिन पांच लोगों की हत्या करना चाहता था, उनमें पहला राजकुमार, दूसरी नाबालिग की मौसी, तीसरा उसे पूर्व में गिरफ्तार करने वाला एएसआई, चौथा कालोनी का सुरक्षाकर्मी था। उसकी पांचवीं शिकार कथित प्रेमिका होती। यह षड्यंत्र वह अपने दिमाग में तब से रच रहा था, जबसे उसकी प्रेमिका ने आरोपित के विरुद्ध छेड़छाड़ की शिकायत की थी।
पूछताछ में पता चला कि आरोपित मुकुल मृतक की नाबालिग बेटी के साथ विवाह रचाकर साथ रहना चाहता था। लेकिन राजकुमार अपनी बेटी के साथ उसका मेलजोल पसंद नहीं करते थे। इसी दौरान नाबालिग ने मुकुल के विरुद्ध छेड़छाड़ की पुलिस में शिकायत की थी। इसके बाद नाबालिग को पिता ने अपने गृह नगर इटारसी रहने के लिए भेज दिया। इसी बीच छेड़छाड़ के मामले में मुकुल भोपाल से गिरफ्तार हो गया। 
मुकुल के मन में प्रतिशोध की भावना और बढ़ गई। जेल से बाहर आते ही मुकुल ने अपने षड्यंत्र को अंजाम में बदलना शुरू किया। 15 मार्च की भोर वह राजकुमार और उसके बेटे की हत्या के बाद नाबालिग प्रेमिका को लेकर फरार हो गया। घटना के बाद मृतक की बेटी को लेकर वह बेंगलुरु अपने एक दोस्त के पास गया, वहीं कुल्हाड़ी भी छिपा दी। फिलहाल मुकुल सात दिन की पुलिस रिमांड में है।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर रेल मंडल कार्यालय में रेल अधीक्षक राजकुमार विश्वकर्मा और उनके आठ वर्षीय पुत्र तनिष्क की हत्या के मुख्य आरोपित मुकुल सिंह ने गुरुवार देर रात सिविल लाइंस थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। दो दिन पहले ही मृतक की नाबालिग पुत्री और मुख्य आरोपित की कथित प्रेमिका को पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया था। प्रेमिका के पीछे-पीछे वह भी ट्रेन से हरिद्वार से जबलपुर पहुंचा।