वक्फ संशोधन बिल पर बरपा हंगामा, मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को बताया क्यों पड़ी जरूरत
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया जिसके बाद विपक्ष ने खूब हंगामा किया और अल्पसंख्यकों के हक छीनने का आरोप लगाया।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया जिसके बाद विपक्ष ने खूब हंगामा किया और अल्पसंख्यकों के हक छीनने का आरोप लगाया। विपक्ष के आरोपों के बाद रिजिजू ने इसका जवाब देते हुए बताया कि क्यों ये विधेयक जरूरी था। रिजिजू ने इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।
लोकसभा में आज विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने वक्फ संशोधन बिल पेश किया। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया, जिसके बाद विपक्ष ने खूब हंगामा किया और अल्पसंख्यकों के हक छीनने का आरोप लगाया। विपक्ष के आरोपों के बाद रिजिजू ने इसका जवाब देते हुए बताया कि क्यों ये विधेयक जरूरी था। रिजिजू ने इसे बाद में संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि विपक्ष मुसलमानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है, कई सांसदों ने मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर कहा कि कई वक्फ बोर्ड पर माफिया का कब्जा है लेकिन वे अब पार्टी के दबाव में विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस को पढ़ाया पाठ-
कानून मंत्री ने आगे कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहा, हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि ये संशोधन उन कार्यों को पूरा करने के लिए लाए जा रहे हैं जो आप नहीं कर सके अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ विधेयक पर कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है। रिजिजू ने कहा कि संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहा, हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि ये संशोधन उन कार्यों को पूरा करने के लिए लाए जा रहे हैं जो आप नहीं कर सके।
धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं-
विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है। आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया। इसके बाद कई संशोधन किए गए। रिजिजू ने कहा कि आर्टिकल 25 से 30 तक किसी भी धार्मिक बॉडी में कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी का हक नहीं छीना गया, बल्कि महिलाओं और बच्चों को दिया गया है।
मैं मुसलमान नहीं, लेकिन अल्पसंख्यक हूं-
किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड में जो मेंबर हो, उनको जानकार होना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले लोगों को वक्फ बोर्ड में लाना चाहिए। यह सब आपकी सिफारिशें हैं, लागू हम कर रहे हैं। बच्चों और महिलाओं के लिए हमने काफी ध्यान रखा है। ये एक्ट पास हो जाने के बाद कोई महिला-बच्चा इंसाफ से वंचित रह जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने इसके लिए प्रावधान किया है। किरण रिजिजू ने आगे कहा, वक्फ प्रॉपर्टी से जो भी इनकम होगी, वह मुस्लिमों के कल्याण पर ही खर्च होगी। आप लोग तो कोई प्रावधान नहीं किया। किसी मंत्रालय को संभालने के लिए क्या उस धर्म या जाति का होना चाहिए क्या। वे बार-बार कह रहे हैं कि मैं मुसलमान नहीं हूं इसलिए मुझे नहीं बोलना चाहिए। ये आपत्तिजनक बात है। खुद अल्पसंख्यक हूं लेकिन मुसलमान नहीं हूं। खुशी है कि मुसलमानों के कल्याण के लिए ये बिल रखने का मौका मिला है।
व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श हुआ-
रिजिजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया।