मरीज की मौत पर आदित्य हॉस्पिटल में हंगामा
मंडला से आए एक मरीज की मौत से भड़के परिजनों ने आदित्य अस्पताल में खासा हंगामा खड़ा कर दिया। बीती रात जब अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की मौत की जानकारी परिजनों को दी तो वे गुस्से से तमतमा उठे।

- नाराज परिजनों ने लगाया गलत इलाज का आरोप
- बिना पूछे वेंटीलेटर हटाए जाने से भड़के परिजन
मंडला से आए एक मरीज की मौत से भड़के परिजनों ने आदित्य अस्पताल में खासा हंगामा खड़ा कर दिया। बीती रात जब अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की मौत की जानकारी परिजनों को दी तो वे गुस्से से तमतमा उठे। दरअसल 4 अप्रैल को आशीष सिंधिया नाम के मरीज को इलाज के लिए आदित्य अस्पताल में दाखिल कराया गया था, परिजनों का आरोप है डॉक्टरों की लापरवाही से ही आशीष की मौत हुई है, उनका कहना है कि बिना परिजनों को जानकारी दिए ही ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा दिया जिससे मरीज की हालत देखते ही देखते बिगड़ी और कुछ ही पलों में उसने दम तोड़ दिया। मरीज की मौत पर काफी देर तक अस्पताल में हंगामा होता रहा।
सही जानकारी देने से बचते रहे जिम्मेदार -
मंडला से आए मरीज आशीष के परिजनों का आरोप है कि जब देर रात हालत ज्यादा बिगड़ी तो उन्होंने अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टरों से सवाल जवाब भी किये लेकिन पूरे समय वे सही जानकारी देने से आनाकानी करते रहे। परिजनों का साफ तौर पर आरोप है कि न तो अस्पताल में सही तरीके से इलाज किया गया और न ही वरिष्ठ चिकित्सकों ने आकर मरीज की सुध लेने की कोशिश की, ऊपर से बार-बार पैसे जमा करने का दबाव डालते रहे।
पहले से ही सवालों के घेरे में हैं निजी अस्पताल -
जबलपुर में निजी अस्पतालों की लूट कसौट किसी से छुपी नहीं है आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है जिसमें इलाज के नाम पर मरीजों की जान लेने से लेकर उनसे लाखों रुपए हटाने के किस्से सामने आते रहते हैं, बावजूद इसके आदित्य अस्पताल में सामने आई इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की विश्वसनीय पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंडला से आए मरीज को खोने के बाद उनके परिजन अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच की आवाज बुलंद कर रहे हैं, उनका कहना है कि इलाज के नाम पर शहर में खुले लूट के अड्डों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।