खूबसूरत साध्वी हर्षा रिछारिया पर मचा बवाल

महाकुंभ में उत्तराखंड की हर्षा रिछारिया इन दिनों सुर्खियों पर बनी हुई है। पहले उन्हें महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी होने की संज्ञा दी गई, लेकिन अब उन पर यह सवाल उठ रहे हैं कि वह साध्वी हैं या नहीं?

Jan 16, 2025 - 13:50
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खूबसूरत साध्वी हर्षा रिछारिया पर मचा बवाल
Uproar over beautiful Sadhvi Harsha Richaria


महाकुंभ में उत्तराखंड की हर्षा रिछारिया इन दिनों सुर्खियों पर बनी हुई है। पहले उन्हें महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी होने की संज्ञा दी गई, लेकिन अब उन पर यह सवाल उठ रहे हैं कि वह साध्वी हैं या नहीं? हालांकि उन्होंने इस पर भी अपना बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें साध्वी कहना उचित नहीं होगा क्योंकि उन्होंने इसके लिए कोई गुरु दीक्षा नहीं ली है। उन्होंने सिर्फ मंत्र दीक्षा ली है और इस महाकुंभ का हिस्सा बनी हैं। वह साध्वी बनेंगी या नहीं इस पर अभी कोई विचार नहीं किया है। 

निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रथ पर हर्षा के बैठने को लेकर अब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि जिसने अभी यह तय नहीं किया है कि सन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है उसे संत महात्माओं के साथ भगवान के कपड़े में शाही रथ पर बैठाना पूरी तरह से गलत है। 

सोशल मीडिया पर हो रहीं ट्रोल 


इन दिनों हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल की जा रही हैं। उन्हें लेकर अन्य इंफ्लूएंसर्स अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर्षा रिछारिया का महाकुंभ में पहुंचने को लेकर कुछ और ही कारण है। पहले वे अपने आप को साध्वी बता रही थीं, लेकिन वे आम तौर पर इंफ्लूएंसर ही थीं। देश-विदेश में कई शोज करती थीं। अचानक से वे कुंभ में पहुंच गई हैं। आखिर उनके इरादे क्या हैं। इसके बारे में कोई नहीं जानता। हालांकि इन अटकलों के बाद हर्षा ने स्वयं ही इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वे साध्वी नहीं हैं। 

एंकरिंग करने से लेकर इंफ्लूएंसर तक का सफर 


हर्षा आचार्य, जो महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशनंदगिरी जी महाराज की शिष्या हैं, महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, अपने सोशल मीडिया पर हर्षा ने खुद को सोशल एक्टिविस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर भी बताया है। हर्षा उत्तराखंड की मूल निवासी हैं और अध्यात्म से जुड़ने से पहले वह एंकरिंग करती थीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि करीब पौने दो साल पहले उन्होंने अपने गुरु से दीक्षा ली थी, लेकिन अभी तक संन्यास धारण करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।